दैनिक केसर खुशबू टाइम्स
मेरठ 21 अगस्त (प्र)। सेन्ट्रल मार्किट के ध्वस्तीकरण का टेंडर भी खुल चुका है। वर्तमान अफसर बड़ी बड़ी बाते इस संदर्भ में कर रहे है। लेकिन संयुक्त व्यापार संघ के अध्यक्ष नवीन गुप्ता के द्वारा इन निर्माणों के लिए जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ उठ रही मांग पर वर्तमान क्या कर रहे है इसका तो उनके पास कोई जबाव नहीं है।
मगर एक तरफ अवैध निर्माणों के विरूद्ध कार्रवाई दूसरी तरफ वर्तमान में अवैध रूप से रिहायशी भूमि पर बनाये जा रहे काम्पलैक्स जो दिन पर दिन ऊंचे होते जा रहे है उनकी तरफ देखने और कार्रवाई करने की फुर्सत इन पर क्यों नहीं है यह तो वो ही जान सकते है। फिलहाल क्षेत्र में जागरूक नागरिकों में हो रही यह चर्चा महत्वपूर्ण है कि सेन्ट्रल मार्किट के निकट रिहायशी प्लॉट पर मानचित्र के बिलकुल विपरित सरकार की निर्माण नीति का उल्लंघन करते हुए बनाई गई जैना ज्वैलर्स से संबंध किसी व्यक्ति द्वारा ईमारत को बचाने के लिए मुख्य अभियंता राजीव कुमार भरपूर प्रयास कर रहे लगते है। अब यह चर्चा ही रही है कि सेन्ट्रल मार्किट पुलिस चौकी के निकट लगभग 200 गज के रिहायशी फ्लैट पर किसी सुपर बेकर्स वालों के द्वारा बनाया जा रहा काम्पलैक्स अब पूर्णतया की ओर अग्रसर हैं। लोगों का कहना है कि इसका अगर कोई मानचित्र पास कराया गया है तो भी जिस प्रकार से यह तैयार हो रहा है वो बिलकुल मानचित्र के विपरित और सरकार की निर्माण नीति का उल्लंघन करके तैयार किया जा रहा है। आवास विकास के स्थानीय अधिकारियों को यह अवैध निर्माण क्यों नहीं दिखाई दे रहे और अफसरों तक पहुंच रही खबर के बाद वो कुछ क्यों नहीं कर रहे यह सोचनीय विषय है।
जानकारों के अनुसार 1. इस निर्माण के बाहर कोई मानचित्र का तलपट नहीं लगा है। 2. जब अवैध निर्माण की शिकायतें मिल रही तो आवास विकास के अधिकारी स्थिति साफ क्यों नहीं कर रहे। कुछ लोगों का कहना है कि कितना बड़ा प्लॉट है, उसका क्या भू उपयोग है, वर्तमान में क्या बन रहा है, मानचित्र अगर पास है तो क्या है और वर्तमान में क्या बन रहा है। तथा ऐसे मामलों में सरकार की नीति क्या है और निर्माण नीति क्या कहती है। तथा भूउपयोग सही मायनों में क्या है और उस पर बनाया क्या जा रहा है। इसके साथ ही संबंधित विभाग के अधिकारियों द्वारा अगर निर्माण का भूउपयोग अथवा जो बन रहा है वो गलत है तो दोषी अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई हो रही है यह अपर उपनिदेशक आवास विकास को मौके का मुआयना कर उचित कार्रवाई कर शासन को अवगत कराना चाहिए।
नोटः- मामले की सत्यनिष्टा जानने और जांचकर्ता अधिकारी की कार्यप्रणाली की शासन हित में कितना काम कर रहे है और निर्माण नीति के तहत काम न करने वालों के विरूद्ध क्या कार्रवाई का शपथ पत्र भी जांच रिपोर्ट के साथ लिया जाना चाहिए।
