नई दिल्ली 21 नवंबर। ट्रेन से रोज लाखों यात्री भारत में सफर करते हैं और इनमें से अधिकांश लोग आईआरसीटीसी द्वारा संचालित वेंडर से खाना लेते हैं. इन लोगों की शिकायत रहती है कि वेंडर द्वारा सही खाना नहीं परोसा जा रहा है. कभी खाने की क्वालिटी खराब रहती है तो कभी खाना खाने के दौरान बाल निकल आते हैं. अब यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए भारतीय रेलवे ने बड़ा फैसला किया है. इसके अनुसार अगर ट्रेन में खराब भोजन परोसा जाता है तो ठेकेदार और वेंडर से जुर्माना वसूल किया जाएगा.
मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार ट्रेन में अब यात्रियों को वेज खाने के लिए अलग और नॉनवेज खाने के लिए अलग-अलग थाली पड़ोसी जाएगी. नॉनवेज खाने का ट्रे लाल होगा वही वेज खाने वालों को हरे रंग का ट्रे दिया जाएगा.
अगर किसी कंपनी का वेंडर खाना परोसता है और उसमें से बाल निकलते हैं या मात्रा कम होता है या बिना ड्रेस के वेंडर खाना सर्वे करते हैं या अभद्र भाषा का प्रयोग करते हैं तो कंपनी पर 2.5 लाख रुपया जुर्माना लगाया जाएगा और लाइसेंस तक रद्द किया जा सकता है.
रेलवे बोर्ड द्वारा 2017 की खान-पान नीति को बदलकर अब 14 नवंबर 2023 से नई नीति लागू कर दी गई है. इसके अनुसार रेल यात्रा करने वाले लोगों को स्वच्छ और स्वादिष्ट तथा ताजा और ब्रांडेड खाना देने का मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा. नियम तोड़ने वालों पर सख्त से सख्त कार्रवाई होगी.
रेलवे की नई नीति में यात्री की शिकातय पर ठेकेदार पर जुर्माना को चार श्रेणियों में बांटा गया है। इसमें ठंडा-बासी खाना, खाने की खराब प्रस्तुतीकरण व खाने में देरी होने पर पहली बार में पांच हजार और पांचवी बार में 25,000 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है।
शेष श्रेणियो में चार बार में भारी जुर्माना और पांचवी बार में ठेका रद करने की व्यवस्था है। खाने में छिपकली-चूहा मिलना अथवा खाने के बाद अस्पताल में यात्री के भर्ती होने पर पहली बार में 5 लाख रुपये जुर्माना व दूसरी बार गलती होने पर ठेका रद कर दिया जाएगा। नई खानपान नीति में वेंडर की वर्दी नेम प्लेट होगी वर्दी स्माइली इमोजी होगा। नो टिप प्लीज लिखा होगा। ट्रे पर कपनी का नाम, मोबाइल नंबर होगा। जिससे यात्री शिकायत कर सकेंगे। खाने के पैकेट पर क्यूआर कोड होगा व रेट होंगे।
डिब्बाबंद खाना में एमआरपी के अधिक पैसे नहीं लिए जाएंगे। आर्डर किए गए खाने में अतिरिक्त आइटम के नाम पर अधिक पैसे नहीं लिए जाएगे। मदद एप पर शिकायत की जा सकेगी।