Friday, November 22

अगर हम सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं तो इसका ध्यान जरूर रखें

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सोशल मीडिया मंच के जहां तक नजर आता है फायदे ज्यादा नुकसान कम हैं। शायद यही कारण है कि प्रधानमंत्री से लेकर नाबालिग समझदार बच्चे भी इसका खूब उपयोग कर रहे हैं। अगर इसका इस्तेमाल रचनात्मक सोच के साथ किया जाए तो आगे बढ़ने और लाभ कमाने के साथ साथ पूरी दुनिया मुठठी में करने की कहावत भी चरितार्थ करने में कामयाबी मिलती है क्योंकि एक क्लिक करने पर गूगल पर हर तरह की जानकारी उपलब्ध है जिसके लिए सोशल मीडिया के चलन से पूर्व काफी परेशानियां उठानी पड़ती थी।
लेकिन लाभ किसी मामले में कितना ही हो हम भारतवासी देश की मजबूती और देशभक्ति व उसके हित में काम करने के लिए हमेशा पहचाने जाते हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए सभी सोशल मीडिया मंचों पर सक्रिय दोस्तों इस खबर को हमें ध्यान से पढ़कर आत्मसात कर इस हिसाब से आगे बढ़ना है कि कहीं भी हमारा कोई कदम देश मानव के उत्थान के विपरित ना जाए। एक खबर के अनुसार खुफिया विभाग (आईबी) के स्पेशल डायरेक्टर राहुल रसगोत्रा ने बीते रविवार को कहा कि आतंकियों की भर्ती के लिए सोशल मीडिया के चैट रूम का इस्तेमाल हो रहा है। आंतरिक सुरक्षा को प्रभावित करने के लिए विदेशी ताकतें सोशल मीडिया को जरिया बना रही हैं।
रसगोत्रा ने यह बात देहरादून के एफआरआई में आयोजित 49वीं ऑल इंडिया पुलिस साइंस कांग्रेस में ‘आंतरिक सुरक्षा और सोशल मीडिया की चुनौतियां’ विषय पर अपने संबोधन में कही। उन्होंने कहा कि असामाजिक तत्व अलगाववाद को बढ़ावा देने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहे हैं। आतंकवादियों की भर्ती तक अब सीधे सोशल मीडिया चौट रूम में बैठकर हो रही है। सोशल मीडिया का इस्तेमाल निर्धारित एजेंडा फैलाने के लिए किया जा रहा है, ताकि देश की आंतरिक सुरक्षा प्रभावित की जा सके।
फैक्ट चेकिंग यूनिट बने उन्होंने कहा कि आज इन चुनौतियों का सामना करने के लिए हमें मुख्य रूप से चार बिंदुओं पर ध्यान देना होगा। खासतौर पर सोशल मीडिया समूहों में सतर्क दृष्टि के साथ खुद को सक्रिय रखना होगा। पुलिस स्तर पर भी फैक्ट चेकिंग यूनिट बनाई जानी चाहिए, ताकि समय पर गलत सूचनाओं चिह्नित किया जा सके। नोडल अफसर नियुक्त हों उन्होंने कहा, सोशल मीडिया पर सकारात्मक संदेशों का ज्यादा से ज्यादा प्रसारण करना होगा। असामाजिक तत्वों को ब्लॉक करने की तय प्रक्रिया का पालन करना होगा। इसके लिए आईटी ऐक्ट के प्रावधानों के तहत नोडल अफसरों की नियुक्ति करनी होगी।

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