Monday, August 11

इंटीग्रेटेड टाउनशिप: 50 हेक्टेयर में जनवरी से शुरू होगी प्लॉटिंग, मेरठ में निवेशकों को होगा लाभ

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मेरठ 06 अगस्त (प्र)। इंटीग्रेटेड टाउनशिप के मुख्यमंत्री योगी भूमि पूजन व शिलान्यास के साथ ही यह प्रोजेक्ट अब तेजी से रफ्तार पकड़ेगा। पहले फेज में मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) 50 हेक्टेयर में ब्लॉक तैयार करेगा। इसमें जनवरी से प्लॉटिंग होगी। मंगलवार को मेडा उपाध्यक्ष ने बैठक कर टाउनशिप को प्राथमिकता देते हुए तेजी के निर्देश दिए। टाउनशिप में चौड़ी सड़कें होंगी। आसपास के गांवों से फीडर मार्ग के जरिए कनेक्टिविटी होगी।

एनसीआरटीसी की ओर से ट्रांजिट ओरिएंटेंड डेवलपमेंट प्लान (टीओडी) के तहत जोनल प्लान तैयार किया गया है। शासन में प्रजेंटेशन के बाद चीफ टाउन एंड कंट्री प्लानर (सीटीसीपी) की ओर से कुछ सुधार के निर्देश दिए हैं।

सुधारों को समाहित कर फिर से शासन को भेजा जाएगा, वहां से स्वीकृति के बाद टाउनशिप का लेआउट तैयार होगा। टाउनशिप में आवासीय, व्यावसायिक, शैक्षिक, ग्रुप हाउसिंग, अस्पताल, हेल्थ क्लब आदि के लिए प्लॉट होंगे। इनमें उच्च आय, मध्यम आय, अल्प आय और दुर्बल आय वर्ग के लिए मकान और प्लॉट होंगे। टाउनशिप में निवेशकों को लाने के लिए ग्रुप हाउसिंग के प्लॉट भी होंगे। मेडा स्वयं और निजी निवेशकों के जरिए टाउनशिप को विकसित करेगा।

महायोजना 2021 करीब 500 वर्ग किमी. की थी। अब महायोजना-2031 बढ़कर 1043 वर्ग किमी. की हो गई है। पूरे क्षेत्र को 24 जोन में बांटकर प्लान तैयार होगा। दिल्ली रोड, रुड़की रोड को रैपिड कॉरिडोर के तहत विकसित किया जा रहा है।

परतापुर-भूड़बराल में 288.79 हेक्टेयर और मोदीपुरम में 457.06 हेक्टेयर में स्पेशल डवलपमेंट एरिया (एसडीए) है। टीओडी के तहत सात जोन का प्लान बनाया गया। बाद में दो जोन और जोड़ दिए गए। हाल ही में नौ जोन के प्लान का प्रेजेंटेशन हुआ। वहां से स्वीकृति के बाद बोर्ड बैठक में मंजूरी दी जाएगी और इंटीग्रेटेड टाउनशिप का ले-आउट बनेगा।

रियल एस्टेट डवलपर्स एसोसिएशन (रेडा) के महामंत्री कमल ठाकुर कहते हैं कि इंटीग्रेटेड टाउनशिप से व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। निवेश तो बढ़ेगा ही, आसपास के क्षेत्रों के लोग भी मेरठ में रिहाइश बनाएंगे।

ये है टीओडी पॉलिसी
-आरआरटीएस कॉरीडोर के डेढ़ किमी. की परिधि और आरआरटीएस स्टेशन के 500 मीटर दोनों ओर का क्षेत्र इसके तहत आएगा।
-परतापुर व मोदीपुरम दोनों छोर पर एसडीए होगा, जबकि स्टेशन पर इंफ्लुएंस जोन (आईजेड) होंगे। इन क्षेत्रों में व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़वा दिया गया है। मिश्रित भू-उपयोग के अंतर्गत काम होंगे।

ये हैं टीओडी के जोन
जोन-1 : 179 हेक्टेयर,
जोन-2 : 324 हेक्टेयर,
जोन-3 : 397 हेक्टेयर,
जोन-4 : 423 हेक्टेयर,
जोन-5 : 344 हेक्टेयर,
जोन-6 : 553 हेक्टेयर,
जोन-7 : 222 हेक्टेयर,
एसडीए मेरठ साउथ : 458
हेक्टेयर, एसडीए मोदीपुरम : 373 हेक्टेयर

ये होंगे 15 जोन प्लान
जोन-1 : 1207 हेक्टेयर
जोन-2 : 2720 हेक्टेयर
जोन-3 : 1228 हेक्टेयर
जोन-4 : 4721 हेक्टेयर
जोन-5 : 5220 हेक्टेयर
जोन-6 : 2395 हेक्टेयर
जोन-7 : 2295 हेक्टेयर
जोन-8 : 1137 हेक्टेयर
जोन-9 : 1129 हेक्टेयर
जोन-10 : 1329 हेक्टेयर
जोन-11 : 1308 हेक्टेयर
जोन-12 : 445 हेक्टेयर
जोन-13 : 1996 हेक्टेयर
जोन-14 : 1110 हेक्टेयर
जोन-15 : 275 हेक्टेयर

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