Sunday, June 1

संजीव बालियान के समर्थन में उतरी अंर्तराष्ट्रीय जाट संसद, 19 जनवरी को महापंचायत का ऐलान

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मुजफ्फरनगर 16 जनवरी। पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ संजीव बालियान की पिछले दिनों मुजफ्फरनगर में विवादित मंदिर को लेकर थाना मंसूरपुर के इंस्पेक्टर से बहस हो गई थी, जिसके बाद उनकी सुरक्षा को हटा लिया गया था. लेकिन, अब उनकी सुरक्षा लेकर विवाद बढ़ गया है. यहां के खानुपुर गांव के लोगों और जाट समाज में शासन-प्रशासन को लेकर खासी नाराजगी देखने को मिल रही है. जिसके चलते अब यहां के स्थानीय लोगों ने 19 जनवरी को विवादित जमीन पर एक महापंचायत करने का ऐलान किया है.

दरअसल बीजेपी के पूर्व सांसद संजीव बालियान खानुपूर गांव में स्थित एक विवादित मंदिर की ज़मीन को कब्जा मुक्त कराने की मांग को लेकर ग्रामीणों को लेकर मंसूरपुर थाने पहुंचे थे, जहां उनकी पुलिस इंस्पेक्टर के साथ बहस हो गई थी. जिसके बाद अब ग्रामीण और जाट समाज के लोग बालियान के समर्थन में उतर आए हैं. उन्होंने 19 जनवरी को महापंचायत का ऐलान किया और विवादित जमीन को मुक्त कराने और पुलिस द्वारा स्थानीय लोगों पर दर्ज कराए गए मुकदमे वापस किए जाने की मांग की है.

मंदिर की जमीन को लेकर है विवाद
खानुपुर गांव में विवादित जमीन पर मंदिर प्रकरण का मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है. इस पूरे मामले पर जाट समाज से विशाल बोपाड़ा ने कहा कि पिछले साठ सालों से ये ज़मीन मंदिर के नाम पर अलॉट है. लेकिन, 1 जनवरी को यहां प्रशासनिक अमले के साथ एक दीवार खड़ी कर दी गई, जिसे लेकर ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ गया. इसी मामले को लेकर संजीव बालियान हमारे बीच आए थे और उन्होंने हिन्दू समाज की बात खुलकर रखी थी.

इस मामले को लेकर जब संजीव बालियान सैकड़ों ग्रामीणों के साथ मंसूरपुर थाने पहुंचे थे जहां उनकी एसएचओ के साथ नोकझोंक हुई. यहां एसएचओ या जिले के कप्तान पर कार्रवाई होनी चाहिए थी लेकिन उल्टा बालियान की सुरक्षा को हटा लिया गया जो सुरक्षा उन्हें 2014 से मिली हुई थी. इस घटना से साबित हो गया है कि बीजेपी उद्योगपतियों की पार्टी है. डिस्टलरी सरशादीलाल ग्रुप बड़ा नाम है जिसके लिए हिन्दू मंदिर की जमीन पर कब्जा किया जा रहा है.

जाट नेता ने दावा किया कि 19 जनवरी को जाट समाज की ओर से विवादित ज़मीन पर ही एक महापंचायत की जाएगी, जिसकी रूपरेखा तैयार की जा रही है. उसमें पूरा हिंदू और जाट समाज को लोग मौजूद रहेंगे. इस महापंचायत में आसपास के कई गांवों के लोग इकट्ठा होने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि मंदिर की जमीन हमें मिलनी चाहिए और संजीव बालियान की सुरक्षा वापस हो क्योंकि वो हमारे लिए सर्वोपरि है.

जाट समाज के नेताओं ने स्पष्ट किया कि डॉ. बालियान की सुरक्षा की जिम्मेदारी अब समाज खुद उठाएगा। उन्होंने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि भाजपा के लिए काम करने वाले जाट नेताओं के साथ इस तरह का व्यवहार किया जा रहा है।

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