Tuesday, October 14

माता जी का कथन जूता उछालने जैसी घटना से फैल सकती है अराजकता, हर व्यक्ति को देना चाहिए ध्यान

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सुप्रीम कोर्ट में वकील राकेश किशोर द्वारा खजुराहों के मंदिर प्रकरण में फैसले से नाराज होकर जो जूता फेंकने के लिए कोशिश हुई उसके लिए भले ही वकील राकेश किशोर के अनुसार उन्हें अफसोस इसके लिए नहीं है मगर सीजेआई की माताजी द्वारा इस विवाद को लेकर जो टिप्पणी की गई वो महत्वपूर्ण है। माताजी ने सभी से अनुरोध करते हुए कहा है कि आपके जो भी सवाल हैं कृपया शांति से बात करें क्योंकि इसे सदभावना के साथ निपटाना चाहिए क्योंकि जो कार्रवाई की गई उससे अराजकता फैलने से इनकार नहीं कर सकते। ऐसी ही टिप्पणी सीजेआई बीआर गवई की बहन द्वारा करते हुए आरोपी वकील को फटकार लगाई गई और कहा कि भारत के मुख्य न्यायाधीश पर जो हमला हुआ यह देश के संविधान पर हमला है जिसे बचाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए जबकि सीजेआई ने कहा कि इस मामले को ज्यादा तूल ना दे क्योंकि इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने सिर्फ आवाज सुनी हो सकता है कि वह किसी मेज पर गिरा हो। मैंने सिर्फ कहते सुना कि वो मैंने गवई साहब की तरफ फेंका था। जो भी यह मामला अभी चर्चाओं में है। सीजेआई की माता जी का कथन है कि इससे अराजकता फैल सकती है महत्वपूर्ण है। मां किसी की भी हो उनकी सीख हमें माननी चाहिए। किसी को भी किसी धर्म के प्रति ऐसी टिप्पणी नहीं करनी चाहिए तो बवाल का कारण बनती हो।
(प्रस्तुतिः- रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)

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