मेरठ 13 अक्टूबर (प्र)। सूबे में यदि कहीं भी बिजली चोरी हुई तो उसके लिए अफसर जिम्मेदार होंगे। बिजली महकमे की दिशा व दशा सुधारने के लिए कई आमूल परिवर्तन किए जा रहे हैं। साथ ही यह भी कि बिजली महकमे को घाटे से उबारने के पुरजोर प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में सबसे ज्यादा जोर बिजली चोरी रोकने पर दिया जा रहा है। बिजली चोरी होने पर संबंधित जनपद के अफसर की जिम्मेदारी तय की जाएगी।
पावर कारपोरेशन ने प्रदेश में सबसे ज्यादा लाइन हानि करने वाले 400 फीडरों को चिह्नित किया है। इन्हें सही करने की कवायद की जा रही है। बिजली चोरी रोकने और लाइन हानियों को कम करने के लिए यूपी पावर कारपोरेशन के अफसरों ने विशेष अभियान शुरू किया है। इसके तहत हर जिले में लाइन हानि वाले पांच-पांच फीडरों को चिह्नित कर विजिलेंस व बिजली विभाग की टीमें मिलकर बिजली चोरी रोकने के प्रयास करेंगी।
इस आश्य के आदेश एमडी यूपी पावर कारपोरेशन पंकज गोयल ने दिए हैं। विभाग के सामने इस समय बिजली चोरी रोककर लाइन हानियों को कम करना सबसे बड़ी चुनौती है। इस समस्या का समाधान प्राथमिकता के आधार पर अभियान की शुरुआत की गयी है। साथ ही बिजली चोरी के मामलों को पकड़ने के बाद संबंधित को तत्काल बिजली का कनेक्शन दिया जाए और आर्थिक दंड भी लगाया जाए।
बिजली के मीटरों के ऊपर हाथ से नंबर लिखे जाने को गलत ठहराते हुए निर्देश दिए हैं कि जो सीरियल नंबर मीटर के अंदर लिखा है। उसी नंबर को मीटर के ऊपर लिखा जाए। लाइन हानि को कम करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कहा है कि जो अधिकारी इसे रोक नहीं पाएंगे उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
आरडीएसएस योजना चलने के बाद भी लाइन हानि होने का सीधा मतलब अधिकारियों की लापरवाही है। उन्होंने मीटर की गड़बड़ियों को पकड़ने के लिए चेक मीटर लगाने के भी निर्देश दिए हैं। इसको लेकर पुलिस महानिदेशक सतर्कता एमके बसाल व प्रबंध निदेशक पंकज कुमार खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैं।