मेरठ 13 दिसंबर (प्र)। हवा पूरी तरह से शांत होने और न्यूनतम तापमान में गिरावट के बीच शुक्रवार को प्रदूषण का शिकंजा और कस गया। बीते 24 घंटे में प्रदूषकों में निरंतर बढ़ोतरी से मुजफ्फरनगर देश का सर्वाधिक प्रदूषित शहर रिकॉर्ड हुआ।
मेरठ में भी इसी अवधि में प्रदूषकों में व्यापक बढ़ोतरी हुई और एक्यूआई 386 के स्तर पर पहुंच गया। मेरठ देश के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में तीसरे स्थान पर रहा। 12 दिसंबर तक शुक्रवार का दिन मेरठ का सबसे प्रदूषित रहा। मेरठ में पल्लवपुरम और गंगानगर केंद्रों पर पीएम-2.5 एवं पीएम-10 प्रदूषकों के स्तर अधिकतम 500 तक पहुंच गए।
निजी एजेंसी स्काईमेट वेदर के अनुसार 18 दिसंबर के बाद पहाड़ों से मैदानों तक मौसम में बदलाव की शुरुआत हेा सकती है। मेरठ सहित वेस्ट यूपी में 19-20 दिसंबर के आसपा बारिश की संभावना बन सकती हैं। यदि ऐसा होता है तो सितंबर के बाद यह पहली बारिश होगी।
सर्वाधिक प्रदूषित शहर केवल दो मंडल से
शुक्रवार को देशभर के 245 शहरों में सर्वाधिक पांच प्रदूषित शहर मेरठ एवं सहारनपुर मंडल से रहे। इनमें से चार अकेले मेरठ मंडल से हैं, जबकि सहारनपुर मंडल से मुजफ्फरनगर है। उत्तर भारत में सबसे बुरा हाल मेरठ-सहारनपुर मंडल के जिलों का है। दिल्ली से ज्यादा खराब स्थिति मेरठ, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर एवं बागपत शहरों की है। खुले में जलता कूड़ा और जारी निर्माण कार्यों से प्रदूषण और अधिक गंभीर हो रहा है।
सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. यूपी शाही ने बताया कि आगामी पांच दिन यानी 17 दिसंबर तक पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में मौसम शुष्क बना रहेगा। नमी बढ़़ने से वेस्ट यूपी में कोहरा बढ़ेगा। इससे अगले 72 घंटे में वेस्ट यूपी के अधिकांश हिस्सों में सुबह के वक्त मध्यम से घना कोहरा छा सकता है। रात के तापमान में औसतन दो डिग्री की वृद्धि के आसार हैं। कुल मिलाकर आठ दिन मुश्किल भरे होने वाले हैं। 20 दिसंबर के बाद मैदानों में बारिश के आसार हैं। कोहरा एवं धुंआ मिलकर स्मॉग की स्थितियां बना सकते हैं।
सात साल में दिसंबर का छठा सबसे प्रदूषित दिन
शुक्रवार को एक्यूआई 384 के साथ ही मेरठ में प्रदूषण टॉप-10 में भी शामिल हो गया। 2019 से 2025 तक के सात वर्षों के दिसंबर में शुक्रवार का दिन छठा सबसे प्रदूषित दिन रिकॉर्ड हुआ। 22-23 दिसंबर को सर्वाधिक 446 एक्यूआई दर्ज हुआ था जो रिकॉर्ड है।
