मेरठ 12 दिसंबर (प्र)। एनसीआर में मेरठ सबसे अधिक घरौंदे बनाया। यहां मेरठ विकास प्राधिकरण की ओर से प्रदेश की पहली इंटीग्रेटेड टाउनशिप विकसित की जाएगी। इसी के साथ गंगा एक्सप्रेसवे और बिजली बंबा बाईपास के बीच में दस गांवों की जमीन पर आवास एवं विकास परिषद की ओर से भी टाउनशिप लाई जा रही है। इन दोनों विकास योजनाओं में करीब तीन लाख लोगों को आशियाना मिलेगा। परतापुर से मोदीपुरम तक दिल्ली रोड होते हुए रैपिड का कॉरिडोर है। इसके दोनों छोर तथा मुख्य मार्गों के आसपास निजी विकासकर्ताओं की ओर से भी कॉलोनी विकसित की जा रही है। एनसीआर के रियल एस्टेट के हब के रूप में शहर को देखा जा रहा है।
मेडा की ओर से छज्जुपुर, इकला, कायस्थ गांवड़ी व मोहिउद्दीनपुर के चार गांवों की 294.6813 हेक्टेयर में प्रदेश की पहली इंटीग्रेटेड टाउनशिप का निर्माण होना है। इस टाउनशिप के तहत पहले फेज में छज्जूपुर में 30.09 हेक्टेयर और मोहिउद्दीनपुर में 111.79 हेक्टेयर जमीन को लेकर काम होगा। इन दोनों गांवों की कुल 112 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण पर 1007.34 करोड़ रुपये का खर्च होगा, जिसमें 34 हेक्टेयर जमीन की खरीदारी मेडा कर चुका है। मेडा की प्लानिंग के मुताबिक आईटी जोन में भी 50 हजार दफ्तर खोले जाएंगे, जिनमें एक लाख 66 हजार कर्मचारी काम करेंगे। ऐसे में तीन लाख से ज्यादा कर्मचारी यहां काम करेंगे।
इसी के साथ 41 हजार 575 आवास बनाए जाएंगे, जो एक लाख 85 हजार लोगों की घर की जरूरत पूरी करेंगे। आवास एवं विकास परिषद की ओर से गंगा एक्सप्रेसवे और बिजली बंबा बाईपास के पास दस गांवों में प्रस्तावित टाउनशिप में 30 हजार आवास बनेंगे, जिसमें सवा लाख से अधिक लोग रह सकेंगे। इन टाउनशिप से करीब तीन लाख लोगों आवासीय जरूरत पूरी होगी। मेडा उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय ने बताया कि 750 करोड़ रुपये नई टाउनशिप के लिए मांगे गए थे। इसकी मंजूरी मिल चुकी है। अब जल्द ही धनराशि मिलने के बाद जमीन खरीद का काम और तेजी से होगा।