मेरठ 15 मई (प्र)। कैंट क्षेत्र की लगभग 436.69 एकड़ भूमि नगर निगम को मिलेगी। नगर निगम कैंट की मिलने वाली संपत्तियों का भौतिक सत्यापन पूरा कर लिया है। जल्द ही नगर निगम कैंट की मिलने वाली संपत्ति की रिपोर्ट तैयार करके शासन को भेजेगा। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। कैंट बोर्ड की आर्थिक स्थिति कई दशक से दयनीय है। जिस कारण यहां का विकास कार्य नहीं हो पा रहा है। इसके अलावा इस क्षेत्र में भवन निर्माण में बहुत अड़चनें आती है। कैंट क्षेत्र की संपत्तियों को फ्री होल्ड भी नहीं किया जाता। इसके अलावा मूटेशन के मामले भी वर्षों लटके रहते हैं, जिस कारण क्षेत्रवासी खासे परेशान हैं।
क्षेत्रवासियों द्वारा कई दशक से कैंट बोर्ड के अधीन कुछ संपत्तियों को नगर निगम को सौंपने की मांग की जा रही है। लोकसभा चुनाव के वर्ष में यह मुद्दा गरमाया। भाजपा के नेताओं ने इस प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए खासा प्रयास किया। इसके बाद कैंट बोर्ड के अधिकारियों के साथ कैंट वासियों और व्यवासाइयों की वार्ता का दौर चला, वहीं कैंट बोर्ड और नगर निगम के अधिकारियों के बीच भी अनेक बैठकें आयोजित की गर्इं। कैंट की जो संपत्तियां नगर निगम को देने का प्रस्ताव तैयार किया गया था, उसकी सूची नगर निगम के अधिकारियों को सौंप दी गई थी। पिछले माह नगर निगम के अपर नगर आयुक्त प्रमोद कुमार, संपत्ति अधिकारी राजेश कुमार, लेखपाल आदि कैंट की जो संपत्तियां नगर निगम को मिलने वाली हैं,उनका कैंट बोर्ड के रिकार्ड में मिलान किया था। इसके बाद उक्त संपत्तियों को स्थल पर पहुंचकर भौतिक सत्यापन किया गया। उक्त कार्य अब पूर्ण कर लिया गया है। कैंट क्षेत्र की लगभग 8500 एकड़ भूमि में से नगर निगम को 436.69 एकड़ भूमि मिलेगी। इस भूमि पर लगभग 41,078 आबादी है। इसमें अंग्रेजों के काला के बंगले शामिल नहीं हैं। अपर नगरायुक्त प्रमोद कुमार ने बताया कि कैंट बोर्ड द्वारा जो संपत्ति नगर निगम को मिलेगी उसका भौतिक सत्यापन लगभग पूरा कर लिया गया है। शासन को इसकी रिपोर्ट भेजी जाएगी। इसके बाद शासन से जो आदेश मिलेगा उसपर अमल किया जाएगा।
नगर निगम को मिलेंगी ये संपत्तियां
कैंटोनमेंट अस्पताल।
अतिथि सामुदायिक केन्द्र।
आधारशिला स्कूल।
सीएबी इंटर कालेज।
चाट बाजार, योगेन्द्र हाट।
भैंसाली मैदान, कई अन्य खेल के मैदान।
16 वाटर सप्लाई के पंप हाउस।
11 पानी की टंकियां।
12 सुलभ शौचालय।
17 बिजली घर को दी गई संपत्ति।