Saturday, July 27

प्रधानमंत्री दानवीर शिवनादर करें या कराएं सार्वजनिक सम्मान

Pinterest LinkedIn Tumblr +

कहते हैं कि जब ऊपरवाला कोई परेशानी देता है तो साथ ही उसके निवारण करने वाले भी भेज दिए जाते हैं। 2020 में आई कोरोना महामारी द्वारा खासकर गरीब और मध्यम दर्जे के व्यक्ति के समक्ष कई प्रकार की आर्थिक कठिनाई उत्पन्न की जो रोज कमाने और खाने वालों मंे शामिल है। घरों के अंदर रहकर समाजसेवियों व प्रशासन ने खाना और दवाई उपलब्ध कराई हो लेकिन रोजगार पूरी तौर पर बंद हो गए थे उससे जो स्थिति बिगड़ी वो कई लोगों की तो शायद अभी तक नहीं सुधर पाई है। हमारी सरकारें पीड़ितों और जरूरतमंदों की मदद करने के दावे कर रही हैं। उससे कितनी समस्या हल हो रही है कितनी नहीं यह तो पीड़ित ही जान सकता है लेकिन एडेलगिव हुरुन इंडिया की सूची में परमार्थ करने वालों के जो नाम खुलकर सामने आए हैं। उन दस में शिवनादर अजीज प्रेमजी मुकेश अंबानी गौतम अडानी, आदित्य बिरला आदि के नाम खुलकर सामने आए हैं। इनके द्वारा दिल खोलकर जरूरतमंदों के लिए दान और हर क्षेत्र में अपनी साझेदारी निभाने की कोशिश की गई है। पिछले कुछ वर्षों से शिक्षा आदि क्षेत्रों में शिवनादर आदि ने जो अपना योगदान दिया है उसकी हमेशा ही नागरिकों में चर्चा होती रही है। लेकिन अब एक खबर के अनुसार एडेलगिव हुरुन इंडिया फिलैंथ्रोपी लिस्ट 2023 गुरुवार को जारी की गई। इसमें एचसीएल के को-फाउंडर शिव नाडर ने अपनी टॉप पोजीशन बरकरार रखी है। उन्होंने वित्त वर्ष 2023 में 2,042 करोड़ रुपए का दान दिया। यानी हर दिन 5.6 करोड़ रुपए उन्होंने दान किए। उनके बाद विप्रो के फाउंडर-चेयरमैन अजीम प्रेमजी हैं, जिन्होंने 1,774 करोड़ रुपए का दान दिया।
वहीं जेरोधा के को-फाउंडर निखिल कामथ (37) सबसे कम उम्र के दानवीर हैं। निखिल ने अपने भाई और जिरोधा के सीईओ नितिन कामथ (44) के साथ मिलकर 110 करोड़ रुपए का दान दिया। लिस्ट में 119 दानवीरों को शामिल किया गया है, जिन्होंने वित्त वर्ष 2023 में 8,445 करोड़ रुपए का दान दिया। ये पिछले साल की तुलना में 59 प्रतिशत अधिक है।
हुरुन इंडिया फिलैंथ्रोपी लिस्ट में सात महिलाएं
इस लिस्ट में सात महिलाएं हैं। पहले नंबर पर रोहिणी नीलेकणी फिलैंथ्रोपीज की फाउंडर रोहिणी नीलेकणि हैं। उन्होंने 170 करोड़ रुपए का दान दिया। एक समय था जब वो अकेली इस लिस्ट में रहती थीं। रोहिणी के बाद थर्मैक्स की अनु आगा एंड फैमिली हैं, जिन्होंने 23 करोड़ रुपए का दान दिया, और यूएसवी की लीना गांधी तिवारी ने भी 23 करोड़ रुपए का दान दिया।
इंफोसिस को-फाउंडर समेत 25 नए लोग शामिल
इस साल लिस्ट में 25 नए लोग शामिल हैं, जिनमें इंफोसिस के को-फाउंडर दिनेश, भिलोसा इंडस्ट्रीज के रमेशचंद्र टी जैन एंड फैमिली, एक्सेल के प्रशांत प्रकाश और जोहो कॉर्पोरेशन के वेम्बू राधा शामिल हैं। निखिल कामथ, जिन्होंने इस साल अपनी आधी संपत्ति दान करने के लिए द गिविंग प्लेज पर हस्ताक्षर किए थे, इस लिस्ट में सबसे कम उम्र के दानवीर बने हुए हैं। इस साल, लिस्ट में उन लोगों को स्पेसिफिकली कैटेगराइज किया गया है जिन्होंने पूरी तरह से अपनी व्यक्तिगत संपत्ति से दान किया है। इस साल लिस्ट में 24 ऐसे लोग हैं। टॉप 3 में शिव नाडर, अजीम प्रेमजी और नंदन नीलेकणी है।
100 करोड़ से ज्यादा का दान देने वालों की संख्या बढ़ी
टॉप 10 दानवीरों ने वित्त वर्ष 2023 में 5,806 करोड़ रुपए का दान दिया, जबकि वित्त वर्ष 22 में डोनेशन 3,034 करोड़ रुपए था। वहीं पिछले 5 वर्षों में, 100 करोड़ रुपए से अधिक का दान देने वाले लोगों की संख्या 2 से बढ़कर 14 हो गई है, और 50 करोड़ रुपए से अधिक का दान देने वालों की संख्या 5 से बढ़कर 24 हो गई है। ये हुरुन इंडिया की 10वीं लिस्ट है।
हुरुन इंडिया के एमडी और मुख्य शोधकर्ता अनस रहमान जुनैद ने कहा, “भारत के वेल्थ क्रिएशन पोटेंशियल और दानवीरों के कमिटमेंट को देखते हुए मुझे उम्मीद है कि ये आंकड़े अगले 5 वर्षों में संभावित रूप से दोगुना हो जाएगा। उन्होंने कहा इकोनॉमिक डेवलपमेंट के लिए वेल्थ क्रिएशन महत्वपूर्ण है, जबकि इकोनॉमिक प्रॉसपेरिटी के लिए दान भी उतना ही महत्वपूर्ण है।
प्रमुख दानदाताओं की सूची में इन चार नामों के अलावा बजाज परिवार के साइरस पूनावाला, अदार पूनावाला, रोहिणी नीलेकर्णि भी शामिल हैं। वैसे तो बड़े आदमी दान करने के साथ साथ घपलों घोटालों व अन्य विषयों को लेकर चर्चा में रहते हैं। लेकिन जितना पढ़ने सुनने को मिलता है उससे पता चलता है कि शिव नादर का विवादित प्रकरणों से औरों के मुकाबले शायद कम नाता रहता है। जो भी हो हमे किसी की कमियों से क्या मतलब। भगवान ने जिन्हें औरों के लिए कुछ करने की प्रेरणा दी और वो कर रहे हैं ऐसे लोगों को तो बधाई और शुभकामनाएं देते हुए उनकी प्रशंसा करनी चाहिए क्योंकि जहां तक घपलांे की बात है तो हर किसी में कोई ना कोई कमी या सोच का फर्क होता ही है। जब भगवान सबको एक सोच वाला नहीं बना सकता तो आम आदमी की तो हैसियत क्या है। इस बात को ध्यान में रखते हुए मेरा मानना है कि जिस प्रकार से देशभर में शासन, प्रशासन और सरकार अच्छा काम करने वालों को सम्मान देकर औरों को प्रेरणा लेने का आहवान करती है उसी प्रकार मेरा मानना है कि सबको भोजन न्याय दिलाने के लिए प्रयासरत पीएम मोदी को शिवनादर जैसे लोगों को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार सार्वजनिक सभा में देकर उनका उत्साह बढ़ाना चाहिए। क्योंकि कहा जाता है कि मानवीय सोच यह है कि अगर आप किसी की बुराई ही करते रहे तो उसे बुरा बनते देर नहीं लगती लेकिन किसी की अच्छाई को उभारे तो सबकी मदद करने की सोच वाले लोगों का मजबूत समाज खड़ा हो सकता है। ऐसा होने पर किसी को भी कष्ट से निजात मिलती है। कहते भी हैं कि आप किसी भी वर्ग समाज में स्थान रखते हो अगर आपके मिलने वाले मजबूत हैं तो आपकी सभी समस्याओं का समाधान होते देर नहीं लगती।
प्रस्तुति: अंकित बिश्नोई
संपादक व पूर्व सदस्य मजीठिया बोर्ड यूपी

Share.

About Author

Leave A Reply