Saturday, July 27

जिंदा मृतकों को पहचान और अधिकार दिलाने में थारा फूफा अभी जिंदा है ?

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देशभर में मरे हुए जिंदा दिखाए गए लोगों को न्याय दिलाने के लिए आप के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष हरियाणा निवासी नवीन जयहिंद द्वारा चलाए गए आंदोलन थारा फूफा अभी जिंदा है को खासकर आम आदमी पार्टी को ही हर जगह चलाना चाहिए क्योंकि विभिन्न कारणों और अपने हित साधने के लिए रिश्तेदारों व कहीं दबंगों तो कुछ जगहों पर पैसों के दम पर दूसरों की जमीन हड़पने पर जो व्यक्ति मरे हुए दिखाए जाते हैं और जिंदा होने पर भी उन्हें अपनी पहचान स्थापित रखने के लिए संघर्ष करना पड़ता है लेकिन आसानी से उन्हें इंसाफ और अधिकार नहीं मिल पाता। ऐसे लोगों को नवीन जय हिंद जैसे आदमी अपना यह आंदोलन थारा फूफा जिंदा है अभियान चलाकर आसानी से न्याय दिला सकते हैं।

बताते चलें कि हरियाणा में ही फैमिली आईडी में 102 वर्षीय दुलीचंद को मृत दिखाकर प्रशासन ने उनकी पेंशन बंद कर दी जिसके बाद नवीन जय हिंद का यह आंदोलन शुरू हुआ परिणाम स्वरूप दुलीचंद को तो दोबारा से पेंशन मिलना शुरू हुआ ही और भी बुजुर्गो को भरण पोषण की व्यवस्था हो गई क्योंकि उनकी भी पेंशन इस अभियान के माध्यम से दोबारा शुरू हुई।

आजकल सामाजिक कार्यकर्ता नवीन जयहिंद ने अपने आंदोलन के टाइटल थारा फूफा अभी जिंदा है का उपयोग करने पर गोल्डन ब्वॉय नीरज चोपड़ा समेत पांच को नोटिस भेजा हुआ है। क्योंकि एक फिल्म में इसका व्यवसायिक इस्तेमाल हुआ है तो एक विज्ञापन में भी इसका इस्तेमाल किया गया है। इस प्रकरण में क्या होगा नवीन जयहिंद को मुआवजा मिलेगा या खिलाड़ी व फिल्मकार अपना पक्ष मजबूती से रखने में सफल होंगे जो भी हो आप के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष को इस टाइटल थारा फूफा अभी जिंदा है से प्रसिद्धि खूब मिल रही है और पात्रों को न्याय भी मिल रहा है। इसलिए यह बात विश्वास से कही जा सकती है कि देशभर में जिन लोगों को जो कमजोर रहे उन्हें अपनों या लालची लोगों द्वारा संपत्ति हड़पने के लिए जो मरा हुआ दिखाया गया है इस आंदोलन के माध्यम से अपने जिंदा होने की पहचान तो मिलेगी उनके अधिकार भी मिलने की संभावना बढ़ जाती है क्योंकि जब 102 वर्षीय दुलीचंद को न्याय दिलाने के लिए शुरू आंदोलन के तहत बारात निकाली गई और थारा फूफा अभी जिंदा है के नारे लगे तो सैकड़ो लोग उसमें शामिल हुए और लाखों में हुई चर्चा। अगर यह आंदोलन देशभर में चलता है तो बहुत लोगों को न्याय मिलने की संभावना बढ़ेगी इस बात से कोई भी इनकार नहीं कर सकता। इसलिए मेरा मानना है कि लोकसभा चुनाव बाद हर किसी को न्याय दिलाने के लिए संघर्षरत आप मुखिया अरविंद केजरीवाल द्वारा इस मुददे को अपनी पार्टी का आंदोलन बनाकर जनता के बीच लाना चाहिए। इसका राष्ट्रीय संयोजक भी नवीन को बनाकर पार्टी कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए जाएं कि देशभर में इसके आयोजन में हिस्सा लें और उसका सहयोग करें।

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