Monday, July 7

शताब्दीनगर निवासियों ने गंदगी के चलते नहीं उठने दिया शिवमहापुराण कथा के पंडाल का सामान, हंगामा कर किया प्रदर्शन, कथा स्थल को गंदगी का नरक बनाकर छोड़ गये

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मेरठ 27 दिसंबर (प्र)। शताब्दीनगर के सेक्टर 4सी से सटे मैदान में 15 से 21 दिसंबर तक आयोजित शिव महापुराण कथा के लिए लगाया गया विशाल पंडाल अभी तक खोला जा रहा है। गुरुवार को कालोनी के लोगों ने ठेकेदार को पंडाल का सामान उठाने से रोक दिया और हंगामा करते हुए नारेबाजी की। उन्होंने दो टूक कहा कि आयोजन में आए लाखों लोगों की गंदगी और मल मूत्र से पूरा क्षेत्र गंदा है तथा दुर्गंध फैल रही है। बीमारियां फैलने का खतरा है। पहले सफाई कराई जाए। उसके बाद सामान उठाने दिया जाएगा। कलक्ट्रेट में भी प्रशासनिक अधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया। आयोजन समिति के महामंत्री ने हंगामा होने पर मौके पर पहुंचकर पूरे क्षेत्र की सफाई कराने का आश्वासन देकर लोगों को मनाया।

प्रदीप मिश्रा की शिव महापुराण कथा 21 दिसंबर को संपन्न हुई। कथा में रोजाना हजारों की संख्या में श्रद्धालु रात में भी पंडाल में ही रुके। नगर निगम की मोबाइल शौचालय व अन्य व्यवस्थाएं भीड़ के सामने छोटी पड़ गई थीं। जिसके कारण कथास्थल के आसपास पूरे क्षेत्र में गंदगी फैली है। लोगों का मल-मूत्र वहां पड़ा है। कथा के लिए स्थापित किए गए तीन जर्मन हैंगर का सामान यहां उतारा जा रहा है गुरुवार को कालोनी के महिला और पुरुष वहां पहुंचे और पंडाल का सामान उठाने से ठेकेदार को रोक दिया। साथ ही ठेकेदार से कहा कि पहले क्षेत्र की सफाई होगी उसके बाद सामान उठेगा । वहीं एक प्रतिनिधिमंडल ने कलक्ट्रेट पहुंचकर जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारी संजीव जैन को सौंपा। उन्हें बताया कि दुर्गंध के कारण लोगों का सांस लेना मुश्किल हो रहा है। ग्राउंड में युवा सेना भर्ती की तैयारी के लिए दौड़ते हैं। उन्होंने तत्काल सफाई कराने की मांग की।

हंगामा बढ़ता देख आयोजन समिति के महामंत्री आशीष बंसल वहां पहुंचे। उन्होंने अपने स्तर से ही श्रमिक लगाकर पूरे क्षेत्र की सफाई कराने का आश्वासन देकर लोगों को मनाया।
हंगामा करने वालों में संजीव राणा, योगेंद्र शर्मा, अमरीश कोरी, अजीत सिंह, नरेश गोयल, वेद प्रकाश, सौरव शर्मा, देवनारायण, जितेंद्र शर्मा, नोजेंदर, कृष्ण गोपाल शर्मा, अमित, कनक गुप्ता, आशीष पाल, पाल के साथ बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे शामिल थे।

आशीष बंसल ने बताया कि वे कथा के बाद शहर से बाहर थे। नगर निगम ने सफाई कराने को लेकर बहानेबाजी की। गुरुवार को वापस आया तो सीधे शताब्दीनगर ही पहुंचा। लोगों की समस्या सही है । हमने अपने प्रबंधक के निर्देशन में 15 श्रमिक तैनात कर दिए हैं, जो शुक्रवार सुबह से सफाई करेंगे। हम पूरे क्षेत्र को साफ कराएंगे।

सवाल यह उठता है कि इतनी बड़ी कथा कराने वालों की ये जिम्मेदारी नहीं थी कि यहां कथा समाप्ति के बाद यहां सफाई व्यवस्था दुरूस्त कराते या सिर्फ मीडिया में चर्चित होने या फोटो छपवाने के लिए ही यह आयोजन किया गया था। क्योंकि कुछ लोगों का कहना सही है कि अगर धार्मिक दृष्टि से यह आयोजन कराया गया होता तो गंदगी का माहौल साफ कराने से पहले आयोजक बाहर नहीं जाते। बताते चले कि जहां कूडे के अंबार लगे है यहां पास ही शहर के बच्चों का बड़ा स्कूल है तथा संघ परिवार से संबंध आश्रम भी स्थापित है। उनमें रहने वालों को यहां व्याप्त लोगों को बिमारियां होने से भी इनकार नहीं किया जा सकता।

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