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स्काउट: चुनाव न होने से आजीवन सदस्य हुए निष्क्रिय

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मेरठ, 08 जनवरी (प्र)। स्काउट एवं गाइड का चुनाव न होने से आजीवन सदस्य निष्क्रिय हो गए हैं। सदस्यों व वारंट होल्डरों ने राष्ट्रीय मुख्यायुक्त को पत्र लिखकर चुनाव कराने की मांग की है।
स्काउट एवं गाइड विद्यार्थियों में अनुशासन, शारीरिक, बौद्धिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक शक्तियों का विकास करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। देश में भारत स्काउट व गाइड और हिंदुस्तान स्काउट व गाइड संस्थाएं काम कर रही हैं। भारत स्काउट एवं गाइड देश के प्रत्येक राज्य विद्यमान है। कभी लोकतांत्रिक ढंग से पदाधिकारी चुनने वाले भारत स्काउट व गाइड में मनोनयन से पदाधिकारी नियुक्त हो रहे हैं। इस कारण निष्क्रिय हुए आजीवन सदस्यों और वारंट होल्डर ने राष्ट्रीय
मुख्य आयुक्त से फिर से लोकतांत्रिक स्वरूप बहाल करने की मांग उठाई है।

1907 में लॉर्ड बेडन पावेल ने स्कूली बच्चों को चुस्त-दुरुस्त बनाने के लिए स्काउट एवं गाइड की स्थापना की थी। भारत में बॉयज स्काउट की गतिविधियां शुरू हुई। इसके बाद पंडित मदन मोहन मालवीय ने 1928 में हिंदुस्तान स्काउट एवं गाइड की स्थापना की थी। स्वतंत्रता के बाद 1950 में भारत स्काउट एवं गाइड संस्था गैर सरकारी संगठन के रूप में अस्तित्व में आई।
माध्यमिक शिक्षक संघ के महानगर उपाध्यक्ष व भारत स्काउट के आजीवन सदस्य राजेश त्यागी खंदरावली ने कहा कि पहले भारत स्काउट में चुनावों के जरिए पदाधिकारियों का चयन होता था । इन चुनावों में आजीवन सदस्य, स्काउट शिक्षकों की वोट डलती थी। पुरानी व्यवस्था में जिला मुख्यायुक्त को प्रदेश मुख्यायुक्त मनोनीत करते थे और जिला मुख्यायुक्त जिला सचिव को मनोनीत करते थे, बाकी पदों पर चुनाव होता था।

जिला कार्यकारिणी में जिला मुख्यायुक्त, जिला सचिव समेत अन्य पदाधिकारी होते हैं। जबकि जिला परिषद में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, जिला मुख्यायक्त, जिला कमिश्नर स्काउट, जिला कमिश्नर गाइड आदि होते हैं। चुनावों की यह प्रक्रिया जिला, मंडल, प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर तक होती थी। अब मनोनयन के जरिए पदाधिकारी नियुक्त हो रहे हैं। नहीं होने चुनाव से आजीवन सदस्य निष्क्रिय हो गए हैं, जिसका असर भारत स्काउट की गतिविधियों पर भी पड़ा है।
हिंदुस्तान स्काउट व गाइड के प्रदेश सचिव डॉ. मनोज सिंधी का कहना है कि संस्था को केंद्र सरकार से ग्राउंट मिल रही हैं और स्कूल तेजी से संस्था की ओर आकर्षित हो रहे हैं।

नरेश वर्मा, आजीवन सदस्य भारत स्काउट व गाइड कहना है कि उत्तर प्रदेश की राज्यपाल को पत्र लिखकर भारत स्काउट का लोकतांत्रिक स्वरूप बहाल करने की मांग उठाई है, जिससे संस्था का पतन होने से बचाया जा सकें।
मुनिराम सिंह, वारंट होल्डर भारत स्काउट व गाइड का कहना है कि भारत स्काउट से मेरठ के प्रमुख विद्यालय बाहर हो गए हैं। इन विद्यालयों के प्रधानाचार्यों व शिक्षकों का भारत स्काउट में कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। राष्ट्रीय मुख्य आयुक्त से लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत पदाधिकारियों की नियुक्ति की मांग की गई है।
डॉ. गौरव पाठक, जिला सचिव भारत स्काउट व गाइड का कहना है कि संस्था में कोई असंतुष्ट नहीं होना चाहिए। बिना विवाद के सर्वसम्मति से सभी आने चाहिए।

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