मेरठ 05 नवंबर (प्र)। सदर के श्री 1008 पार्श्वनाथ दिगंबर जैन पंचायती मंदिर समिति दुर्गाबाड़ी सदर के कथित अध्यक्ष रंजीत जैन जो पहले से एक गंभीर मामले में हाईकोर्ट से बेल पर हैं, उनकी बेल कैंसिल होने व जेल जाने की आशंका जतायी जा रही है। दरअसल, उनके खिलाफ वेस्टर्न कचहरी रोड ऋषभ बिल्डिंग निवासी शरद जैन पुत्र जुगसुंदर दास जैन ने मंदिर को दान दी गयी जमीन को खुर्दबुर्द करने का गंभीर आरोप लगाया है।
वहीं, दूसरी ओर वह जिस गंभीर मामले को लेकर लंबे अरसे तक सीखचों के पीछे रहने के बाद हाईकोर्ट से मिली बेल के बाद बाहर आए हैं। उस मामले से जुड़े ऋषभ एकाडेमी के सचिव सीए डा. संजय जैन का कहना है कि शरद जैन की ओर से रंजीत जैन के खिलाफ जो मुकदमा दायद किया गया है और उसमें जो आरोप लगाए गए हैं यदि वह सत्य हैं तो यह गंभीर प्रवृत्ति का अपराधिक मामला है।
हाइकोर्ट ने रंजीत जैन को बेल इस आधार पर दी है कि वह कोई अपराधिक कृत्य नहीं करेंगे, लेकिन शरद जैन द्वारा न्यायालय सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में जो मुकदमा दायर किया है। उससे स्पष्ट है कि बेल के साथ हाईकोर्ट द्वारा दी गयी हिदायतों का रंजीत जैन ने उल्लंघन किया है। इसको आधार मानते हुए ही हाईकोर्ट में रंजीत जैन की जमानत खारिज किए जाने की अर्जी दायर की जाएगी। उन्होंने बताया कि यह मामला 78/2023 जो एक क्रिमिनल केस है, उससे ताल्लुक रखता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि केवल रंजीत ही नहीं शरद भी बेल पर हैं।
लगाए गंभीर आरोप
शरद जैन द्वारा न्यायालय सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में जो मुकदमा दायर किया है उससे रंजीत जैन पर मंदिर को दान दी गयी जमीन को खुर्दबुर्द करने के गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कोर्ट को बताया है कि उक्त जमीन को बेचने के लिए प्रॉपर्टी डीलरों को साथ लेकर वह मौके पर देखे गए। उन्होंने मंदिर की चल अचल संपत्ति को मंदिर के पदाधिकारियों द्वार अपने निजी स्वार्थ के लिए दुरूपयोग करने के आरोप लगाए हैं। उन्होंने साल 2003 में मंदिर के मंत्री रहे दिनेश जैन पर भी डिप्टी रजिस्ट्रार को झूठा शपथ पत्र देने के भी आरोप लगाए हैं।