चंडीगढ़ 19 अगस्त। 19 वर्षीय शिक्षिका की मौत पर व्यापक जनाक्रोश के बीच हरियाणा सरकार ने एक बड़े फैसले में राज्य के दो जिलों में इंटरनेट सेवाएं रोक दी हैं। हरियाणा गृह विभाग की तरफ से जारी आदेश में भिवानी और चरखी दादरी जिलों में यह पाबंदी लगाई गई है। गृह विभाग की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि सीआईडी और प्रशासन की रिपोर्ट के अनुसार भिवानी एवं चरखी दादरी जिलों में 19 अगस्त को में तनाव, परेशानी, आंदोलन, सार्वजनिक एवं निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और सार्वजनिक शांति एवं सौहार्द भंग होने की आशंका है। ऐसे में यह पाबंदी लगाई गई है।
विभाग ने कहा है कि यह फैसला भड़काऊ सामग्री और झूठी अफवाहों के प्रसार को रोकने के लिए उठाया गया है। ऐसे कृत्य इंटरनेट के जरिए होते हैं। ऐसे में इन सेवाओं के दुरुपयोग के कारण जिला भिवानी और चरखी दादरी में सार्वजनिक उपयोगिताओं में बाधा, सार्वजनिक संपत्ति और सुविधाओं को नुकसान और सार्वजनिक कानून व्यवस्था में गड़बड़ी की स्पष्ट संभावना है।
गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव सुमिता मिश्रा द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि इंटरनेट सेवा 19 अगस्त की सुबह 11 बजे से 21 अगस्त की सुबह 11 बजे तक निलंबित रहेगी।
भिवानी के पुलिस अधीक्षक सुमित कुमार ने कहा था कि यह नोट मनीषा के शव के पास एक बैग में मिला था, जिसमें उसका आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज़ भी थे। उन्होंने यह भी कहा कि मनीषा द्वारा कीटनाशक खरीदने के सबूत भी मिले हैं।
उन्होंने कहा, “विसरा के नमूने में शरीर में कीटनाशक की मौजूदगी की पुष्टि हुई है। इसलिए, यह खुद की खरीदारी है, एक सुसाइड नोट है, शरीर में ज़हर है।”
हालांकि, प्लेस्कूल शिक्षिका के परिवार के सदस्यों ने ज़ोर देकर कहा है कि उसकी हत्या की गई थी।
विपक्षी दलों ने भी भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की आलोचना की है और दावा किया है कि कथित हत्या भगवा पार्टी के शासन में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने का सबूत है।
कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि राज्य सरकार और पुलिस की भूमिका लापरवाह और गैर-जिम्मेदाराना रही है और “पूरे मामले को आत्महत्या साबित करने का दुर्भाग्यपूर्ण प्रयास किया जा रहा है।”
बता दें कि मनीषा का शव 13 अगस्त को भिवानी के एक खेत में मिला था। वह 11 अगस्त से लापता थी, जब वह कथित तौर पर एक नर्सिंग कॉलेज में दाखिले के बारे में पूछताछ करने के लिए स्कूल से निकली थी। इस मौत से भारी आक्रोश फैल गया, लोगों ने जिले की प्रमुख सड़कों को जाम कर दिया और कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने सीबीआई जांच की मांग की।
हालांकि आदेश में शिक्षिका की मौत का कोई जिक्र नहीं है, लेकिन सूत्रों ने बताया कि यह मामले से जुड़े घटनाक्रमों के मद्देनजर जारी किया गया है।