Wednesday, November 12

बी. सुदर्शन रेड्डी बने उपराष्ट्रपति पद के दूसरे उम्मीदवार

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नई दिल्ली 19 अगस्त। विपक्षी गठबंधन INDIA ब्लॉक ने अपने उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी. सुदर्शन रेड्डी को विपक्ष ने अपना उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसका ऐलान आज की मीटिंग के बाद किया है।

खड़गे ने कहा कि ‘इंडिया’ अलायंस ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी. सुदर्शन रेड्डी को भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया है। उन्होंने कहा कि बी. सुदर्शन रेड्डी भारत के सबसे प्रतिष्ठित और प्रगतिशील न्यायविदों में से एक हैं। उनका एक लंबा और प्रतिष्ठित कानूनी करियर रहा है, जिसमें आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में कार्य करना शामिल है।
उन्होंने कहा कि सुदर्शन रेड्डी सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय के एक निरंतर और साहसी समर्थक रहे हैं। अगर आप उनके कई फैसले पढ़ेंगे, तो आपको पता चलेगा कि उन्होंने कैसे गरीबों का पक्ष लिया और संविधान तथा मौलिक अधिकारों की रक्षा की।

मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “उपराष्ट्रपति पद का यह चुनाव एक वैचारिक लड़ाई है और सभी विपक्षी दल इस पर सहमत हैं, और यही कारण है कि हमने बी. सुदर्शन रेड्डी को संयुक्त उम्मीदवार के रूप में नामित किया है।” उन्होंने कहा कि सुदर्शन रेड्डी उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए 21 अगस्त को नामांकन दाखिल करेंगे।

बताते चले कि बी सुदर्शन रेड्डी का जन्म 8 जुलाई 1946 को मौजूदा तेलंगाना के रंगारेड्डी जिले के तत्कालीन इब्राहिमपटनम तालुका के अकुला मायलाराम गांव में एक किसान परिवार में हुआ था।
उन्होंने 1971 में हैदराबाद की उस्मानिया यूनिवर्सिटी से लॉ की डिग्री हासिल की और आंध्र प्रदेश बार काउंसिल में एक वकील के रूप में नामांकन कराया। इसके बाद आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में रिट और सिविल मामलों में प्रैक्टिस की।
बी सुदर्शन रेड्डी ने 1988 से 1990 के बीच आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में सरकारी वकील के रूप में कार्य किया है और 1990 में कुछ समय के लिए केंद्र के अतिरिक्त स्थायी वकील के रूप में भी कार्य किया है। वह उस्मानिया विश्वविद्यालय के कानूनी सलाहकार और स्थायी वकील भी रहे।
वह 1995 में आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश बने। 2005 में उन्हें गुवाहाटी हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस नियुक्त किया गया। 2007 में वह सुप्रीम कोर्ट के जज बने और 2011 में रिटायर हुए।
मार्च 2013 में जस्टिस रेड्डी (रिटायर्ड) गोवा के पहले लोकायुक्त बने। हालांकि, कुछ महीने बाद सितंबर में उन्होंने व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दे दिया।

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