Tuesday, October 14

मुख्य चिकित्सा अधिकारी दे ध्यान! न्यू आरती मेडिकल स्टोर की भांति दवा के पत्तों पर दवाई कब कैसे लेनी है चिट लगाने का दे आदेश

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मेरठ 25 सितंबर (दैनिक केसर खुशबू टाइम्स)। अपने देश में बड़ी संख्या में डाक्टर साहब द्वारा जो दवाईयां लिखी जाती है और सलाह दी जाती है कुछ को छोड़ दे तो बाकी की तो लेखनी किसी के समझ में नहीं आती। पर्चा लेकर मेडिकल स्टोर पर जाओ और जो दवाई यहां तैनात कर्मचारी दे दें और बता दें वो समझ में आई या नहीं जो पढ़े लिखे और समझदार लोग है वो तो फिर भी सीधे सीधे या जुगाड़ से अथवा टेलीफोन कर डाक्टर से पूछ भी लेते है मगर देश की बड़ी आबादी जिसकी हिन्दी हो या इंग्लिश किसी भी भाषा पर कोई पकड़ मजबूत नहीं है वो अंदाज से ही दी गई दवाई खाने लगता है। गलत सही का पता जब चलता है जब उसे दवाईयों का गलत प्रभाव पड़ने या फायदा न होने का अहसास होता है।

बीते दिनों डा0 तनुराज सिरोही द्वारा लिखे गये पर्चें से संबंध दवाई लेने थाना रेलवे रोड के क्षेत्र जैननगर के बाहर स्थित न्यू आरती मेडिकल स्टोर गया तो यह देखकर बड़ा अच्छा लगा कि मेडिकल स्टोर के मालिक जेके दुग्गल द्वारा दवाई के हर पत्ते पर टाईप की हुई चीट लगाई जा रही थी कि कौन सी दवाई सुबह को खानी है और कौन सी शाम को और कौन सी दवाई तीनों समय लेनी है क्योंकि इससे मुझ जैसे निरक्षर व्यक्ति को भी आसानी से पता चल गया कि कौन सी दवाई कब खानी है।

मुझे लगता है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी सीएमओ साहब को सभी मेडिकल स्टोर संचालकों को सामुहिक रूप से जनहित में एक आदेश जारी करना चाहिए कि समस्त मेडिकल स्टोर संचालक चाहे वो छोटा स्तर पर व्यवसाय कर रहे हो या बड़े स्तर पर वो प्रत्येक पर्चे में लिखी जाने वाली दवाईयों के पत्तों पर सुबह शाम और दिन में तीन बार लेने वाली पर्ची के साथ कि यह भी अंकित कराकर कि कौन सी दवाई सुबह शाम खाने से पहले या बाद में खाली पेट लेने इससे क्या होगा कि जो आये दिन समाचार पत्रों में खबरे पढ़ने को मिलती है कि फलां व्यक्ति धोखे से दूसरी दवाई खा गया जिससे उसको इसके रियक्शन से कई प्रकार की परेशानी का सामना करना पड़ा और कोई दवाई के चक्कर में तेजाब ही पी गया और कुछ गलत दवाई का शिकार हो गये इस समस्या से बचा जा सके।

मेरा मानना है कि न्यू आरती मेडिकल स्टोर के संचालक जेके दुग्गल ने यह एक अच्छी व्यवस्था कर रखी है जिसे सीएमओ साहब को जनहित में आगे बढ़ाना चाहिए और मुझे लगता है कि मेडिकल स्टोरों के संचालकों की संस्थाएं और उनके नेता भी अपने सदस्यों में इस संदर्भ में जागरूकता लाए और जनहित में ऐसे व्यवस्थाऐं कराये इससे आम आदमी को बहुत बड़ा लाभ होगा। कभी कभी गलत दवाई खाने से बढ़ने वाली गंभीर बिमारियां भी रोकी जा सकती है सही समय पर सही दवा का उपयोग करने से नागरिक स्वस्थ रहेंगे और उन्हें आर्थिक लाभ भी होगा तथा सरकार की सभी को निरोगी व स्वस्थ बनाये रखने की मंशा भी होगी पूरी।

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