सरकारें जनहित की योजनाएं लागूकर मतदाताओं को प्रसन्न करने और जिले के अधिकारियों को विकास योजनाओं को गति देने का मौका उपलब्ध करा रही है। जिससे सरकार की छवि उभरकर सामने आए और उसे चुनाव में जनता जिताकर भेज सके। मगर कुछ अफसरों की कार्यप्रणाली और निर्णय को लेकर यह कहने में कोई हर्ज महसूस नहीं कर रहा हूं कि सरकारी योजनाएं लागू करने की बजाय शासन प्रशासन के समक्ष नई समस्याएं खड़ी करने और सरकार की छवि को प्रभावित करने के चक्रव्यूह में फंसाने की कोशिश भी अनकहे रूप से कह सकते हैं भले ही उन्हें इनके प्रयासों की जानकारी ना हो। पाठक सरकार की विकास और रोजगार, प्लाट घर दुकानें उपलब्ध कराने के लिए बने विकास प्राधिकरण की कार्यप्रणाली को देख सकते हैं। एक खबर पढ़ी कि मेडा बिजली विभाग को बताएगा अवैध कॉलोनियों के बारे में और कटवाएगा कनेक्शन दूसरे चरण में नगर निगम से इन कॉलोनियों के बारे में कार्रवाई करने को भी पत्र लिखा जाएगा और पानी के कनेक्शन बंद कराने का प्रयास किया जाएगा। सवाल उठता है कि जब यह अवैध कॉलोनियां विकसित हो रही थी तो जनता के टैक्सों पर एसी कमरों में बैठने वाले कहां थे और उन्होंने इन कॉलोनियों व अवैध निर्माणों को आकार लेने से पहले क्यों नहीं रोका। मैं यह नहीं कहता कि बिजली विभाग द्वारा दिए गए कनेक्शन और निगम द्वारा पानी व सीवर की लाइन बिछाकर उन्हें नाले में डाल दिया गया इसके लिए पीवीवीएनएल व नगर निगम के अफसर जिम्मेदार नहीं है। अगर देखें तो मेडा के अफसर पूर्ण रूप से दोषी है और सरकार को निर्माण नीति का पालन ना कराने वाले अफसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और फिर हउडी के चक्कर में कटरा कटवाने और थोड़ी सुविधाओं के लिए इनमें बिजली का कनेक्शन देने और निगम के अफसरों ने जो इनमें पानी के कनेक्शन दिए वह भी दोषी है लेकिन मेडा के दोषी यह अफसर बचे रहे और इन विभागों के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हुई तो अपने गलत काम बचाने और कार्रवाई से बचने के लिए खुद इन विभागों के कुछ अफसर लोगों को भड़का सकते हैं । इससे पुलिस प्रशासन के समक्ष कानून व्यवस्था बनाए रखना चुनौती होगी तो सरकार की छवि भी प्रभावित होगी इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता। इसलिए मेडा वीसी और सचिव व अन्य अधिकारी कच्ची कॉलोनियों व बिजली पानी के कनेक्शन देने वालों के साथ अपने विभाग के लोगों की सूची तैयार करे जिनके कारण इन कॉलोनियों का विकास हुआ। निगम अफसर भी निलंबन आदि की कार्रवाई करे।
(प्रस्तुतिः- रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
प्रभावित हो सरकार की छवि! अवैध निर्माणों और कच्ची कॉलोनियों से बिजली पानी के कनेक्शन कटवाने का प्रयास है सही, मगर पहले मेडा के अफसर अपने दोषियों के खिलाफ करे कार्रवाई
Share.
