सितंबर माह अगर ध्यान से देखें तो धार्मिक राष्ट्रीय एकता व सामाजिक व प्रगृति की संभावनाओं से परिपूर्ण है। क्योंकि १७ सितंबर को विश्वकर्मा जयंती देश में कारखानों के मालिकों कर्मचारियों द्वारा मनाई जाएगी। दूसरी ओर आजादी के बाद लौहपुरूष सरदार पटेल द्वारा १७ सितंबर को ही हैदराबाद की मुक्ति का मार्ग प्रशस्त किया गया था। तो व्यापार और विकास की दृष्टि से विश्वकर्मा व हैदराबाद का मुक्ति दिवस देशवासियों के लिए आजादी के माहौल में सांस लेने और विकास कार्यों को गति देने वाला कह सकते हैं। इसके अतिरिक्त देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का जन्मदिवस भी १७ सितंबर को ही मनाया जाता है। इस बार यह दिन देश में तो उनके प्रशसंकों भाजपाईयों व सहयोगी दलों के कार्यकर्ताओं द्वारा मनाया जाएगा। कर्मचारी के रूप में जीवन की शुरुआत कर वर्तमान में कर्मयोगी के रूप में शीर्ष स्थान पर विराजमान नरेंद्र मोदी बीते २५ साल से अधिक से गुजरात के सीएम और अब देश के पीएम के रूप में सक्षम और सफल राजनेता के रूप में उभरकर आए हैं। २०२९ में होने वाले लोकसभा चुनाव में क्या स्थिति रहेगी यह तो भगवान ही जाने मगर एक बात कही जा सकती है कि भले ही सारी घोषणाएं जो की गई थी वो स्थानीय स्तर पर नौकरशाहों की लापरवाही और कुछ भ्रष्ट अफसरों की हठधर्मी के चलते पूरी ना हो पा रही हो मगर सरकार भ्रष्टाचार मुक्त समाज स्वच्छता कायम करने और हर व्यक्ति की समस्या के समाधान के लिए काम कर रही है और पीएम की भावनाओं से जुड़े अभियानों को ध्यान में रखते हुए मंत्री भी इसमें कोताही नहीं कर पा रहे हैं लेकिन मौखिक सूत्रों के अनुसार पिछले कुछ वर्षों में जिम्मेदारियों का पालन करने में असफल अधिकारियों को सेवानिवृति दिए जाने और पिछले दिनों अफसरों के भ्रष्टाचार की जांच शुरू हुई जो इस बात का प्रतीक है कि कहीं ना कहीं पीएम मोदी के नेतृत्व में नागरिकों को भ्रष्टाचार मुक्त वातावरण के लिए प्रयास किया जा रहा है।
देश में भले ही कुछ भी कहा जाता हो लेकिन दुनियाभर के देशों में पीएम मोदी का नाम चर्चाओं में रहता है। उन्हें सम्मान भी पूर्ण मिल रहा है। राष्ट्र का गौरव भी काफी बढ़ा है। इसके अनेक उदाहरण नागरिक रोज मीडिया में देखते हैं।
इस 17 सितंबर के पवित्र दिन खुशहाली के कई काम पूर्व में हुए और सरदार पटेल द्वारा जो किया गया उसे आज भी हम अपने बच्चों को पढ़ाते हैं। पिछले पांच दशक के जीवन के अनुभवों के दम पर समग्र सरकारी संस्कृति को बढ़ावा देने वाले पीएम मोदी के शासन के लंबे दायरे उनकी सीमाओं को तोड़ने की सहज प्रवृति तकनीकी के साथ उनका व्यवहार और नैतिक शब्दावली को दोहराए जाने वाले संचालन युवाओं को एक मॉडल संदेश देता है। एक चाय बेचने वाले से लेकर प्रधानमंत्री तक का गौरवमयी सफर तय कर जो एक संदेश पीएम द्वारा युवाओं को दिया गया है वो महत्वपूर्ण है। पीएम की सफलता और कार्यप्रणाली में साधनविहीन गरीब बेसहारा उन युवाओं को यह मार्ग दिखाया है कि अगर इच्छाशक्ति मजबूत है तो बिना साधन के भी हम आगे बढ़ सकते हैं और सफलता प्राप्त कर सकते हें। तरक्की किसी के बाप की गुलाम नहीं है वो मेहनत लगन से काम करने से मिलती है। कुछ लोग सोचते हैं कि एक दो साल मेहनत कर कुछ प्राप्त नहीं हुआ तो ऐसे लोगों को यह समझ लेना चाहिए कि एक दिन में तो छप्पर फाड़कर नहीं प्राप्त हो सकती है आसान सफलता। ऐसा भाग्य सबका नहीं होता। पीएम मोदी के जन्मदिन पर कल देश में अनेकों योजनाएं जारी होंगी। करोड़ों के विकास कार्य शुरू हो सकते हैं। समाज के लिए विचार गोष्ठियों के आयोजन की तैयारी चल रही है। पीएम का जन्मदिन सबके लिए अच्छी सोच लेकर आएगा। जिस प्रकार भगवान गणेश को चढ़ाए लडडू में से एक दाना प्रसाद के रूप में मिले उसी प्रकार योजनाओं का थोड़ा लाभ सभी को मिलना है। इसी के साथ देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को बधाई और नागरिकों को शुभकामनाएं देते हुए यह आशा करता हूं कि भगवान विश्वकर्मा के दिखाए मार्ग पर चलने वाले कुछ इंजीनियर रास्ता भटक गए हैं और बैंक बेलेंस बढ़ाने के लिए सरकारी योजनाओं का पलीता लगा रहे हैं उन्हें विश्वकर्मा सदबुद्धि देंगे।
(प्रस्तुतिः- रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
बड़ा शुभ है सितंबर माह, 17 को पीएम मोदी का जन्मदिन, हैदराबाद मुक्ति दिवस और मनाएंगे विश्वकर्मा जयंती
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