
दैनिक केसर खुशबू टाइम्स
मेरठ 18 जुलाई (प्र)। ग्रामीण कहावत ज्यों ज्यों दवा की मर्ज बढ़ता ही गया अगर ध्यान से देखें तो आजकल सरकारी जमीन घेरकर किये जाने वाले अवैध निर्माणों पर पूरी तौर पर लागू होती है। क्योंकि माननीय मुख्यमंत्री जी और प्रदेश शासन अवैध निर्माण और कच्ची कालोनियों का विस्तार रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे है लेकिन इस कार्य में लगे लोगों पर कोई अंकुश नहीं लग पा रहा है। और क्योंकि मेडा और अन्य इससे संबंधित विभाग शासन की नीति को ध्यान में रखते हुए इनके विरूद्ध कार्रवाई करने की बजाए इनसे मिलीभगत और सांठगांठ कर इन्हें और बढ़ावा दे रहे है। परिणाम स्वरूप अब कुछ सीए और डाक्टर अनेक व्यापारी और उद्योगपति तथा शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय लोग भी अवैध निर्माण करने या करने वालों को बढ़ावा देने में भी अग्रणी भूमिका निभा रहे है।
फिलहाल हम बात फुटबाल चौक से बागपत चौराहा बाईपास तक की करे तो यहां जानकारों के अनुसार किसी विजय गर्ग नामक व्यक्ति और उसके सहयोगियों द्वारा होटल सिग्नेचर और साबुन गोदाम के फ्लाईओवर के कोने के बीच तीन बड़े अवैध निर्माण किये और किया जा रहा है। मौखिक सूत्रों के अनुसार होटल सिग्नेचर से आगे सरकारी जमीन घेर और शासन की निर्माण नीति के विपरीत जाकर मानचित्र पास लिखकर कई फलोर की बिल्डिंग खड़ी कर दी गई है। कुछ लोगों का कहना है कि फ्लाईओवर के निकट एक बिल्डिंग बहुमंजिला बनाई गई और इससे पूर्व सिग्नेचर होटल के सामने वाली लाईन में भी एक बड़ा निर्माण इन सज्जन और इनकी टीम के द्वारा किया गया है।
माननीय मुख्यमंत्री जी सरकार ने शहर के सुनियोजित और गुणवत्तापूर्ण विकास के लिए कुछ नियम और नीति बनाई है और उनका पालन कराने के लिए मेडा आदि में एक अलग विभाग अवैध निर्माण रोकने के लिए बनाया गया है। इनकी तनख्वाह व अन्य सुविधाओं पर काफी बड़ी तादाद में धन खर्च किया जाता हैं। लेकिन संबंधित विभाग के कुछ जेई और एई अपना काम जिम्मेदारी से न कर सरकार की नीति के विरूद्ध निर्माण करने वालों के साथ मिलकर लगता है कि सरकार के नियमों के विरूद्ध एक पेरेलल नियमावली शायद बनाई जा रही है क्योंकि जो निर्माण चल रहे है या जिनके बारे में लिखा जा रहा है वो शासन की नीति के तहत इस तरह नहीं हो सकते लेकिन बड़ी तादाद में हो रहे हैं। बताते है कि जिसकी एई और जेई साहब से सेटिंग नहीं हो पाती उनके छोटे छोटे निर्माण या तो गिरा दिये जाते है या सील लगा दी जाती है। खैर जो भी हो विजय गर्ग और उनकी टीम के द्वारा बागपत रोड पर किये गये भव्य अवैध निर्माण शासन की नीति के तहत नजर नहीं आते है। और इनके खिलाफ कोई कार्रवाई न होने से अन्यों के हौंसले भी गलत काम के लिए बढ़ रहे हैं। मुख्यमंत्री जी ऐसा न हो इसलिए इनके विरूद्ध समय से की जाए कार्रवाई साथ ही अवैध निर्माण रोकने के लिए नियुक्त जोन प्रभारी एई जेई और प्रवर्तन अधिकारी के विरूद्ध भी हो कार्रवाई। और इन निर्माणों की जांच उनसे न कराकर एमडीए के सचिव व वीसी के माध्यम से कराई जाए तो कच्ची कालोनियों व अवैध निर्माणों के बढ़े ग्राफ का खुलासा आसानी से हो सकता है। क्योंकि अभी पिछले दिनों उनके द्वारा अवैध निर्माण कराने की मिल रही शिकायतों पर जेई जितेन्द्र सिंह को निलंबित किया जा चुका है।
