मेरठ, 22 अगस्त (प्र)। संभागीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) में इस समय वीआईपी नंबरों को लेकर जबरदस्त होड़ मची हुई है। ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू होते ही 1, 7 और 9 नंबर की सीरीज सबसे ज्यादा चर्चा में आ गई है। इन तीनों नंबरों को बेहद शुभ और स्टेटस सिंबल माना जा रहा है। यही वजह है कि इनकी बेस प्राइस एक लाख रुपये तय होने के बावजूद बड़ी संख्या में आवेदन आ रहे हैं। आरटीओ सूत्रों के अनुसार वाहनों के लिए वीआईपी नंबर पाने की इस दौड़ में सिर्फ आम लोग ही नहीं, बल्कि सांसद, विधायक और बड़े कारोबारी भी शामिल हैं। ऑनलाइन पोर्टल पर आधे से ज्यादा आवेदन इन्हीं तीन नंबरों पर फोकस किए गए हैं। प्रशासन भी मान रहा है कि इस बार डिमांड अभूतपूर्व स्तर पर पहुंच गई है।
स्टेटस और शुभता दोनों की चाहत
नंबर एक को लीडरशिप और शक्ति का प्रतीक माना जाता है, वहीं 7 को भाग्य और धार्मिक आस्था से जोड़ा जाता है । 9 नंबर को भी समृद्धि और सफलता का सूचक बताया जाता है । मेरठ समेत पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के धनाढ्य वर्ग के लिए ये नंबर केवल वाहन की पहचान नहीं, बल्कि प्रतिष्ठा और प्रभाव का प्रतीक बन चुके हैं।
आरटीओ प्रवर्तन राजकुमार सिंह ने कहा कि खासतौर पर 1, 7 और 9 नंबरों को लेकर लोगों में सबसे ज्यादा उत्साह है। इन नंबरों के घ् लिए आवेदन की संख्या उम्मीद से कहीं अधिक आई है। उन्होंने कहा कि जल्द ही ऑनलाइन नीलामी प्रक्रिया पूरी कर इच्छुक लोगों को नंबर आवंटित कर दिए जाएंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि इन खास नंबरों को पाने का अधिकार सिर्फ विधायक, सांसद या बड़े बिजनेसमैन तक सीमित नहीं है, बल्कि कोई भी व्यक्ति निर्धारित फीस जमा कर आवेदन कर सकता है। दरअसल, इन नंबरों को शुभ और प्रतिष्ठा का प्रतीक माना जाता है, यही कारण है कि लोग इन्हें लेने के लिए ज्यादा राशि खर्च करने को भी तैयार रहते हैं। बढ़ती डिमांड को देखते हुए विभाग भी पारदर्शी प्रक्रिया के तहत नीलामी पूरी करने की तैयारी में जुटा है।
वीआईपी नंबर हासिल करने की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है। बोली लगाने वाले आवेदकों में लगातार कॉम्पिटिशन देखने को मिल रहा है। कई लोग तो सिर्फ इसलिए लाखों रुपये खर्च करने तैयार हैं, ताकि उनके वाहन पर वही नंबर चमके जो उनकी पहचान को भीड़ से अलग करे ।