मेरठ 21 जून (प्र)। जुलाई में नए सत्र की शुरुआत से पहले ही देश के विश्वविद्यालय एवं कॉलेजों में रैगिंग को पूरी तरह खत्म करने की कवायद होगी। विद्यार्थियों को जागरूक करने को अभियान चलेगा। कैंपस के सभी प्रमुख स्थल सीसीटीवी कैमरे से कवर किए जएंगे। छात्र-छात्राओं को बताया जाएगा कि रैगिंग में शामिल होने पर क्या कार्रवाई हो सकती है। यदि छात्र रैगिंग के शिकार होते हैं तो उनके पास अपनी शिकायत दर्ज कराने के क्या विकल्प हो सकते हैं। यूजीसी द्वारा रैगिंग को लेकर तैयार जागरूकता वीडियो भी विद्यार्थियों तक पहुंचाए जाएंगे।
इसी क्रम में विश्वविद्यालय प्रशासन को जुटना होगा। यूजीसी ने एंटी रैगिंग समितियां बनाते हुए छात्रों को जागरूक करने के निर्देश दिए हैं। एंटी रैगिंग स्क्वायड, एंटी रैगिंग सेल, संवेदनशील स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। एंटी रैगिंग वर्कशॉप, सेमिनार होंगे। हॉस्टल, कैंटीन, आरामगृह, बस स्टैंड और सामान्य सुविधा स्थलों पर औचक निरीक्षण होंगे।
यह आएगा रैगिंग के दायरे में
● छात्र नया हो या फिर पुराना, उसे शब्दों से, लिखित में चिढ़ाने, अशिष्टता करने या गलत हरकत कृत्य रैगिंग के दायरे में आएगा।
● कोई भी नया छात्र जो पुराने छात्रों द्वारा उपद्रवी, अनुशासनहीन गतिविधि का शिकार बनता है या उसकी किसी भी हरकत से झुंझलाहट, कठिनाई, मनोवैज्ञानिक नुकसान, भय या आशंका पैदा होने की संभावना हो रैगिंग में आएगा।
● किसी भी छात्र को कोई ऐसा काम करने को कहना जिससे उसे पीड़ा एवं शर्मिंदगी महसूस हो या उसकी मानसिकता पर असर डाले, यह भी रैगिंग के दयरे में है।
● यदि कोई सीनियर किसी भी नव प्रवेशित छात्र की नियमित शैक्षिक गतिविधि को बाधित करता है या परेशान करने वाला कार्य हो, यह भी रैगिंग के दायरे में होगा।
● छात्र या छात्रों का समूह यदि किसी नव-प्रवेशित छात्र से काम कराता है तो यह भी रैगिंग माना जाएगा।
● किसी भी नए प्रवेशित छात्र से वित्तीय वसूली या उन पर डाला गया वित्तीय भार भी रैगिंग की श्रेणी में होगा।
● शारीरिक शोषण का कोई भी काम जिसमें यौन शोषण, समलैंगिक हमले, कपड़े उतारना, अश्लील और कामुक कार्य करने के लिए मजबूर करना, इशारे करना, शारीरिक नुकसान पहुंचाना अन्य खतरा पहुंचाना, सब रैगिंग में हैं।
● शब्दों से, ईमेल, पोस्ट, सार्वजनिक अपमान द्वारा कोई भी कार्य या दुर्व्यवहार जिसमें नए या किसी अन्य छात्र को असुविधा पहुंचे, सब रैगिंग माने जाएंगे।