मेरठ 17 जून (घुमंतू संवाददाता)। हनुमान चौक से काली पलटन जाने वाले मार्ग पर पूर्व में नैंसी रेस्टोरेंट के नाम से जाने वाले कोठी नम्बर 210 के उस हिस्से पर कैन्ट के अधिकारियों द्वारा निरंतर कार्रवाई किये जाने के बाद भी अदंर ही अदंर बाहर से गेट बंद कर और वहां कोरोना के दौरान बच्चों की देखभाल से संबंध एक बोर्ड लगाकर जो अवैध निर्माण किया गया उस पर संबंधित विभाग के अधिकारियों द्वारा कार्रवाई भी की गई। लेकिन बताते है कि हापुड़ रोड पर स्थित एक बाल रोग विशेषज्ञ जो डाक्टरी कम और अवैध निर्माण करने और कराने के लिए काफी प्रसिद्ध है उसने कुछ अपने साथियों के साथ मिलकर अदंर ही अदंर काफी निर्माण कर लिया। और क्योंकि बाहर गेट बंद और उसके आदमी बैठे रहते थे इसलिए ज्यादा पता लोगों को नहीं चल पाया कि अदंर क्या हो रहा है। मगर जानकारों को कहना है कि यहां एक रिसोर्ट और रेस्टोरेंट खोलने की तैयारी चल रही है।
बताते है कि पूर्व में कई बार यहां पुलिस फोर्स द्वारा छापेमारी भी की गई लेकिन उसका कोई असर नहीं हुआ। और ध्वस्तीकरण की कार्रवाई नागरिकों के अनुसार इसलिए नहीं हो पाई कि फोर्स नहीं मिली। कुछ लोगों का कहना है कि खानापूर्ति तो हुई मगर मन से इस कार्य को करने की योजना नहीं बन पाई इसलिए पूरा निर्माण होकर तैयार हो गया। बताते चले कि होटल नैंसी के संचालन के दौरान इसके एक पार्टनर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सदन गर्ग जो जनता पार्टी के शासन में सांसद चुने गये एक लोकसभा सदस्य की भतीजे के पति थे उनकी हत्या हुई और उसके बाद जानकारों के अनुसार इसकी दूसरी पार्टनर सुषमा जी भी नहीं रही। जोड़तोड़कर बाल रोग विशेषज्ञ और उनके साथियों ने इसे अपने अधिकार में ले लिया।
कुछ लोगों का कहना है कि बाल रोग विशेषज्ञ लखनऊ और दिल्ली में तैनात कुछ बड़े पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के निकट समझे जाते है इसलिए आसानी से इनके और इनके सहयोगियों द्वारा कराये गये अवैध निर्माणों पर कोई विशेष कार्रवाई नहीं हो पाई क्योंकि जब कोई स्थानीय स्तर पर कार्यवाही होने लगती थी तो जानकारों के अनुसार फोन खटखटाने लगते थे। कुछ लोगों का यह भी कहना है कि बाल रोग विशेषज्ञ और उसके साथियों और सिपेसलारों ने शहर में कई जगह अवैध निर्माण किये और उन्हें बैंकों आदि को लाखों रूपये किराये पर उठा दिया गया है। अपना नाम ना छापने की शर्त पर एक सज्जन ने बताया कि इनके द्वारा जो निर्माण किये या कराये गये इनमें कुछ सरकारी भूमि भी कुछ विभिन्न तरीकों से घेरी गई और कुछ जगहों पर सरकार की पूर्ण निर्माण नीति के विपरित जाकर मानचित्र पास के नाम पर बड़े बड़े निर्माण कराये और किये गये और अब यह कहां कहां और कितने है यह तो जांच का विषय है। मगर कई लोगों का कहना है कि लाखों रूपये किराये पर यह उठाये गये अब इसमें कितनी सत्यता है यह तो कहने वाले ही जाने या कोई जांच होती है तभी पता चल पाएगा। सुनी सुनाई बातों को सही नहीं कह सकते। मगर मौखिक कहे अनुसार इस टीम के लोगों को लगभग 50 लाख रूपये महीने किराये से आमदनी होने की चर्चा है अगर जांच हो जाए तो हर साल इस हिसाब से जो 6-7 करोड़ रूपया किराये का आना बताया जाता है और जो मानचित्र के विपरित जाकर निर्माण किये गये है उसका चिट्ठा खुल जाए तो कई बिन्दुओं का खुलासा होगा।
एक व्यापारी का कहना था कि कुछ साल पहले इन डाक्टर साहब ने एक कम्प्यूटर व्यापारी को भी धमकाया था तथा रूड़की रोड फ्लाईओवर स्थित अंसल की एक कालोनी में अवैध रूप से एक रिहायशी भूमि पर एक अस्पताल भी खोला गया था। मगर उससे फैलने वाली गंदगी का जब विरोध होना शुरू हुआ तो डाक्टर साहब उसे झेल नहीं पाए और उसके उद्घाटन में आये इनके सरपरस्त अधिकारी भी उस मामले में लोग बताते है कि कुछ नहीं कर पाए। इनको संरक्षण देने वाले लोग चाहे वो किसी भी क्षेत्र में सक्रिय हो उनके बारे में तो किसी को कोई जानकारी है नहीं मगर ये जो रिसोर्ट खुलने की चर्चा चल रही है और इसके बारे में जो बातें हो रही है इसके संदर्भ में कई जागरूक नागरिकों का कहना है यह मामला डाक्टर साहब और उनके सहयोगियों के लिए भारी पड़ सकता हैं। क्योंकि कैंट के अधिकारी इस समय अवैध निर्माणों और उन्हें करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के मामले में सक्रिय नजर आ रहे है।