Thursday, July 31

यमन सरकार ने भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की फांसी की सजा की रद्द

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नई दिल्ली 29 जुलाई। निमिषा प्रिया की मौत की सजा रद्द हो गई है। भारतीय ग्रैंड मुफ्ती कंथापुरम एपी अबूबकर मुसलियार के ऑफिस से यह अपडेट आया है। हालांकि ग्रैंड मुफ्ती के ऑफिस से यह भी कहा गया है कि अभी तक यमन की सरकार ने आधिकारिक रूप से सजा रद्द किए जाने की लिखित पुष्टि नहीं की है और भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी अभी तक सजा रद्द होने की पुष्टि नहीं की है, लेकिन यमन की राजधानी सना में हुई हाई लेवल मीटिंग में निमिषा की मौत की सजा को पूरी तरह रद्द करने का फैसला किया गया। पहले सजा को निलंबित किया गया था, अब पूरी तरह रद्द कर दिया गया है।

बता दें कि निमिषा प्रिया एक भारतीय नर्स हैं, जिसे यमन के नागरिक तलाल अब्दो महदी के मर्डर केस में मौत की सजा सुनाई गई थी। निमिषा केरल के पलक्कड़ जिले के कोल्लेंगोड की रहने वाली है और साल 2008 में नौकरी करने के लिए यमन गई थी। यमन जाकर सना में पहले एक सरकारी अस्पताल में बतौर नर्स काम किया और फिर साल 2014 में अपना क्लिनिक खोल लिया।

यमन के कानून के अनुसार, निमिषा ने लोकल बिजनेसमैन तलाल अब्दो महदी को पार्टनर बनाया, लेकिन साल 2017 में निमिषा पर तलाल अब्दो महदी की हत्या करने का आरोप लगा। निमिषा के अनुसार, तलाल ने उसके पैसे चुराए और पासपोर्ट जब्त कर लिया था। तलाल ने उसे शारीरिक और मानसिक रूप से टॉर्चर भी किया। तंग आकर निमिषा ने तलाल को बेहोश करने के लिए केटामाइन का इंजेक्शन दे दिया, ताकि वह अपना पासपोर्ट वापस ले सके, लेकिन ओवरडोज के कारण तलाल की मौत हो गई।

साल 2020 में यमन की अदालत ने निमिषा को मौत की सजा सुनाई, जिसे साल 2023 में यमन की सुप्रीम ज्यूडिशियल काउंसिल ने भी बरकरार रखा। निमिषा साल 2017 से ही यमन की सना जेल की कैद है। निमिषा को फांसी की सजा देने की तारीख 16 जुलाई 2025 तय हुई थी, लेकिन उस दिन सजा को टाल दिया गया। निमिषा की मां प्रेमा कुमारी ने तलाल के परिवार को साढ़े 8 करोड़ की ब्लड मनी ऑफर की है, लेकिन परिवार मान नहीं रहा था।
भारत सरकार, यमन के अधिकारियों और कुछ मित्र देशों सऊदी अरब और ईरान ने साथ मिलकर निमिषा की रिहाई के लिए प्रयास किया। ‘सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल’ ने उसके समर्थन में करीब 58000 अमेरिकी डॉलर का फंड जुटाया, ताकि तलाल के परिवार को ‘ब्लड मनी’ (दियात) दी जा सके, जो यमनी शरिया कानून के तहत सजा माफ करने का एक विकल्प है, लेकिन तलाल के परिवार ने ‘किसास’ (प्रतिशोध) की मांग की है और ब्लड मनी स्वीकार करने से इनकार कर दिया था।

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