दैनिक केसर खुशबू टाइम्स
मेरठ, 08 नवंबर (विशेष संवाददाता) एक्सपायर दवाईयों का जखीरा बरामद होने और बाजार में उसकी हो रही सप्लाई के विरोध में सोशल मीडिया एसोसिएशन और सिटीजन वॉयस के सदस्यों ने आज एडीएम सिटी ब्रजेश कुमार (नोडल अधिकारी खाद्य सुरक्षा और औषधीय प्रशासन मेरठ) को ज्ञापन दिया और उनसे मांग की गई कि ऐसे असमाजिक तत्वों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए, जो अपने लोभ-लालच के लिए आम जनजीवन से खेल रहे हैं।
सोशल मीडिया एसोसिएशन के संस्थापक रवि बिश्नोई और सिटीजन वॉयस के अध्यक्ष प्रशान्त कौशिक ने बताया कि ज्ञापन के द्वारा प्रशासन से मांग की गई है कि बाजार में एक्सपायर दवाईयों की सप्लाई बहुत ही गम्भीर विषय है, क्योंकि एक्सपायर दवाईयों के नकरात्मक प्रभाव से मानव स्वास्थ्य और जीवन दोनों ही संकट में आ सकते हैं। जिस तरह से एक्सपायर दवाईयों का जखीरा हाल ही में बरामद हुआ है, वह बहुत ही गम्भीर विषय है। इससे यह पता चलता है कि यह गोरखधंधा काफी समय से चल रहा है और इस अनैतिक कार्य में संलिप्त लोग अपने लोभ-लालच की वजह से मानव जीवन से खेल रहे है। दवाईयों की कालाबाजारी के समाचार तो समाचार पत्रों की सुर्खियां बनते ही रहते है, लेकिन एक्सपायर दवाईयों की बाजार में खपत और भी ज्यादा चिंताजनक है। खाद्य पदार्थों में हो रही मिलावट जहां मानव स्वास्थ्य के लिए गम्भीर विषय है, वहीं एक्सपायर दवाईयों के दुष्प्रभाव से तो मानव स्वास्थ्य और जीवन पर गम्भीर खतरा उत्पन्न होने की संभावना अत्यधिक बढ़ जाती है। बिमार व्यक्ति अगर अनजाने में एक्सपायर दवाईयों का सेवन कर लेता है तो बिमार व्यक्ति को स्वास्थ्य लाभ होने की जगह उसके शरीर की क्षमताओं में और ज्यादा कमी आ सकती है, जिससे और गम्भीर बिमारियां भी मानव शरीर में पैदा हो सकती है। ज्ञापन देने वालों में मुख्य रूप से रवि बिश्नोई, प्रशान्त कौशिक, प्रेम कुमार शर्मा, पंडित अश्वनी कौशिक, पूनम शर्मा, रजनीश कौशल, सौरभ दिवाकर शर्मा, रोहित शर्मा, मतन सिंह डेढ़ा रहे।
ज्ञापन के माध्यम से सिटीजन वॉयस के सदस्यों की मांगें निम्नलिखित है..
1. एक्सपायर दवाईयों का जखीरा बरामद होने के समाचार का गम्भीरता के साथ अविलम्ब संज्ञान लिया जाए और ऐसे लोगो पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
2. दवाईयों के होलसेल और रिटेलर्स की संख्या सार्वजनिक की जानी चाहिए, साथ ही उनके साइन बोर्ड पर ड्रग लाइसेंस का नम्बर और उसकी वैधता की तारीखें भी लिखी होनी चाहिए।
3. मेडिकल स्टोर के रिटेल लाइसेंस के साथ फार्मासिस्ट की फोटो, नाम और रजिस्ट्रेशन नम्बर लिखना भी अनिवार्य किया जाना चाहिए।
4. ड्रग लाइसेंस के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश में फ्रिज, कम्प्यूटरध्लैपटॉप होना आवश्यक है, तब हाथ के बिल क्यों प्रचलन में है, अतः हाथ से लिखे बिलों को तत्काल अमान्य घोषित किया जाए।
5. सरधना में एक्सपायर दवाईयों का जो जखीरा बरामद हुआ है, उससे जुड़े सभी स्रोतों का पता लगाया जाना चाहिए। कहां से एक्सपायर दवाईयां आई और कहां-कहां इसका वितरण किया गया।
6. जहरीले एवं हानिकारक खाद्य पदार्थों और एक्सपायर दवाईयों के गोरखधंधे से जनता की रक्षा की जाए।
7. एक्सपायर दवाईयों और कम गुणवत्ता वाली दवाईयों के साथ खाद्य पदार्थों में धोखाधड़ी प्रथा को नष्ट करके उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा की जाए।
8. ऐसे अनैतिक कार्य करने वालों पर गम्भीर धाराओं में कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए।
9. औषधीय विभाग और खाद्य विभाग को समुचित दिशा निर्देश देते हुए दवाईयों के स्टाकिस्ट, सप्लायर्स, विक्रेताओं के साथ बैठ कर गलत कार्य करने वालों की पहचान की जाए और उन्हें आजीवन प्रतिबंधित करने और उनके लाइसेंस को भी हमेशा के लिए रद्द किया जाए।
10. दवाईयों और औषधीय पदार्थों में मिलावट करने वालों की पहचान कर उनघ् पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए, साथ ही सम्बन्धित विभाग की भी जिम्मेदारी तय की जाए और उनसे लगातार इस सन्दर्भ में पूछा जाए कि इस तरह के गोरखधंधों को रोकने के लिए विभाग ने कितनी कार्यवाही की, कितने सैंपल लिए गए और उसके क्या परिणाम आए, साथ ही कितने आरोपियों पर कानूनी कार्रवाई की गई।
सिटीजन वॉयस के सदस्यों को विश्वास है कि आप हमारी इन मांगों पर गम्भीरता से ध्यान देंगे और सम्बन्धित विभाग को समुचित दिशा निर्देश देते हुए सम्बन्धित विभाग की भी जिम्मेदारी तय करने के लिए आवश्यक निर्णय लेंगे, साथ ही प्रशासन, व्यापारी प्रतिनिधि और नागरिक संगठनो के प्रतिनिधियों के साथ इस सन्दर्भ में एक बैठक आयोजित कर इस गम्भीर समस्या पर विमर्श करने की भी पहल करेंगे। ज्ञापन देने वालों में मुख्य रूप से प्रशान्त कौशिक, प्रेम कुमार शर्मा, पंडित अश्वनी कौशिक, पूनम शर्मा, रजनीश कौशल, सौरभ दिवाकर शर्मा, रोहित शर्मा, मतन सिंह डेढ़ा रहे।