नई दिल्ली 21 अगस्त। लोकसभा में बुधवार को ऑनलाइन खेल संवर्धन एवं विनियमन विधेयक-2025 ध्वनिमत से पारित हो गया। सरकार ने इसमें ऑनलाइन गेमिंग की आड़ में सट्टेबाजी और जुए में शामिल कंपनियों के खिलाफ कड़े प्रावधान किए हैं। इसके तहत तीन साल की सजा के साथ एक करोड़ रुपये जुर्माने का प्रावधान किया है।
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह विधेयक पेश करते हुए कहा कि ‘ऑनलाइन मनी गेम’ आज समाज में बड़ी चिंता का विषय बन गया है। कई ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्हें इसकी लत लग जाती है और जिदंगी भर की बचत उड़ा देते हैं। ऐसे गेम के एल्गोरिद्म ऐसे होते हैं, जिससे हार निश्चित होती है। कई परिवार बर्बाद हो गए, आत्महत्याएं भी हुई हैं। वैष्णव ने एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि 31 महीनों में 32 आत्महत्याएं इस तरह के मामलों में हुई हैं। अगर कोई कंपनी ऑनलाइन मनी गेम के लिए ऐप या डिजिटल मंच लाती है तो ऐसी स्थिति में कंपनी और उसके अधिकारी अपराध के लिए जिम्मेदार होंगे।
बिल के कानून बनने पर ऑनलाइन गेमिंग पर प्रतिबंध लग जाएगा
बिल के कानून बनने पर पैसे से जुड़ी सभी ऑनलाइन गेमिंग पर प्रतिबंध लग जाएगा। इस कानून के अमल में आने पर लोग गूगल प्ले स्टोर से पैसे से जुड़े ऑनलाइन गेमिंग एप को डाउनलोड नहीं कर पाएंगे।
ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेमिंग को सरकार प्रोत्साहित करेगी
ऑनलाइन गेमिंग के चक्कर में पड़े लोग सालाना 20 हजार करोड़ का नुकसान उठाते हैं, जिस वजह से उनका घर तबाह हो रहा है, वे आत्महत्या कर रहे हैं और उनका बैंक अकाउंट खाली हो रहा है। बिना पैसे के खेले जाने वाले ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेमिंग को सरकार प्रोत्साहित करेगी।
इसके लिए सरकार प्राधिकरण का गठन करेगी और योजना भी लाएगी। लोगों की हजारों शिकायतें मिलने और विभिन्न राज्यों के अनुरोध पर केंद्र सरकार यह कानून ला रही है, लेकिन इस पर अमल की जिम्मेदारी पूरी तरह से राज्यों पर होगी।
सरकार ने कहा, राजस्व के नुकसान की चिंता नहीं
सरकार ने वर्ष 2023 में पैसे से जुड़ी ऑनलाइन गेमिंग पर 28 प्रतिशत का जीएसटी लगाया था। कहा जा रहा है कि गेमिंग पर रोक से सरकार को मिलने वाले करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान होगा। लेकिन सरकार कह रही है कि इसकी हमें चिंता नहीं है और इनकी जगह हम ई-स्पोर्ट्स व सोशल गेमिंग को लाएंगे। इससे भी नौकरियां निकलेंगी। देश में ऑनलाइन गेमिंग का कारोबार वर्तमान में 3.8 अरब डॉलर का है।
गेम खेलने वालों को नहीं, खिलवाने वालों को होगी सजा
पैसे से जुड़े ऑनलाइन गेम खेलने वालों को सजा नहीं होगी। जो लोग इस प्रकार का गेमिंग एप संचालित करेंगे, उनके लिए एक करोड़ तक का जुर्माना और तीन साल की कैद का प्रविधान किया गया है।
इस प्रकार के गेमिंग एप का विज्ञापन करने वाले स्टार को दो साल की सजा और 50 लाख रुपये का जुर्माना होगा।
मनी गेमिंग के विज्ञापनों पर प्रतिबंध और बैंकों व वित्तीय संस्थानों के लिए धन हस्तांतरित करने से रोकने का नियम बनाया गया है।
पैसे से जुड़े गेम में वित्तीय लेनदेन की सुविधा देने वालों को एक करोड़ के जुर्माने के साथ तीन साल की कैद का प्रविधान किया गया है।
बार-बार अपराध करने पर तीन-पांच साल की कैद और दो करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रविधान है।
प्रमुख धाराओं के अंतर्गत अपराधों को संज्ञेय और गैर-जमानती बनाया गया है।
सभी ऑनलाइनसट्टेबाजी और जुआ को गैरकानूनी बनाया गया है। इनमें ऑनलाइनफैंटेसी गेमिंग से लेकर ऑनलाइनजुआ (जैसे पोकर, रम्मी और अन्य कार्ड गेम) तथा ऑनलाइनलाटरी शामिल हैं।
नए कानून के लागू होने तक गेमिंग की वर्तमान व्यवस्था जारी रहेगी।