Wednesday, November 12

तोड़ा जाएगा दिल्ली का जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम, खेल मंत्रालय ने किया स्पोर्ट्स सिटी बसाने का फैसला

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नई दिल्ली 10 नवंबर। देश की राजधानी दिल्ली में एक बड़ी खेल परियोजना को लेकर प्लान बनाया जा रहा है। खेल मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम को तोड़कर उसकी जगह पर एक नई ‘स्पोर्ट्स सिटी’ बनाई जाएगी। यह प्रोजेक्ट 102 एकड़ के बड़े इलाके में फैला होगा। लेकिन अभी तक यह योजना केवल एक प्रस्ताव है और इसलिए परियोजना की समय-सीमा अभी तय नहीं की गई है। इसकी रूपरेखा को अंतिम रूप देने के लिए कतर और ऑस्ट्रेलिया की स्पोर्ट्स सिटी का मूल्यांकन किया जा रहा है।

खेल मंत्रालय के सूत्र ने दिया बड़ा बयान
खेल मंत्रालय के सूत्र ने कहा कि जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम को तोड़ दिया जाएगा। स्टेडियम के अंदर स्थित सभी कार्यालय, जिनमें नेशनल डोपिंग रोधी एजेंसी और नेशनल डोप टेस्टिंग लैब शामिल हैं उन्हें स्थानांतरित कर दिया जाएगा। स्पोर्ट्स सिटी में मुख्य रूप से एक बहु-खेल सुविधा के साथ प्रशिक्षण, प्रमुख आयोजनों के संचालन के लिए विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा उपलब्ध होता है। अहमदाबाद का सरदार वल्लभभाई पटेल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स इसका एक उदाहरण है, जहां क्रिकेट, जलक्रीड़ा, टेनिस और एथलेटिक्स आदि के लिए सुविधाएं उपलब्ध हैं। इस प्रोजेक्ट का मकसद खेलों के लिए समर्पित एक एकीकृत और आधुनिक केंद्र स्थापित करना है।

1982 में हुआ था जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम का निर्माण
जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम को 1982 के एशियन गेम्स के लिए बनाया गया था और बाद में 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए इसे रेनोवेट किया गया था। यह लंबे वक्त से भारत के सबसे मशहूर मल्टी-स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में से एक रहा है। इस स्टेडियम में करीब 60 हजार लोगों के बैठने की कैपेसिटी है। इस स्टेडियम में बड़े एथलेटिक्स इवेंट, फुटबॉल मैच, बड़े कॉन्सर्ट और राष्ट्रीय समारोह, जिनमें स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम भी शामिल हैं, आयोजित किए गए हैं। यह स्टेडियम ऐतिहासिक रूप से नेशनल एथलेटिक्स टीम का होम वेन्यू रहा है।

JLN स्टेडियम में हुआ था वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप का आयोजन
नई स्पोर्ट्स सिटी को विश्वस्तरीय स्टेडियम बनाने के लिए, खेल मंत्रालय की टीमें कतर और ऑस्ट्रेलिया में मौजूद सफल स्पोर्ट्स सिटी मॉडल का अध्ययन कर रही हैं। इन इंटरनेशनल मॉडल से सीख लेकर यहां की डिजाइन और सुविधाओं को अंतिम रूप दिया जाएगा। आपको बता दें कि इसी साल की शुरुआत में नई दिल्ली के JLN स्टेडियम में वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप का आयोजन किया गया था। इस इवेंट के लिए एक मोंडो ट्रैक बिछाया गया था, जिसकी लागत करीब 30 करोड़ रुपए थी।

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