अंतरिक्ष यान में खराबी आने के बाद अनुमान से अनुमान से 278 दिन ज्यादा अंतरिक्ष में रहने के बावजूद सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को किसी भी प्रकार का ओवरटाइम या अवकाश के दिनों का भुगतान नहीं मिलेगा। न्यूयार्क टाइम्स के हवाले से राष्ट्रीय सहारा में छपी एक खबर के अनुसार सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की धरती पर सुरक्षित के बाद एक बार फिर यह सवाल सुर्खियों में है कि क्या नौ महीने तक अंतरिक्ष में अटके रहने के बदले उन्हें कोई ओवरटाइम मिलेगा? तो इसका सीधा-सा जवाब है कतई नहीं। वैसे तो अंतरिक्ष यात्रियों का काम बेहद जोखिम भरा होता है लेकिन बात वेतन की आती है तो अमेरिकी नियम-कायदे उन्हें व्यावसायिक यात्रा पर निकले किसी सरकारी कर्मचारी के बराबर ही मानते हैं।
आकस्मिक खर्चों के तौर पर प्रतिदिन 5 अमेरिकी डॉलर का है नियम
विलियम्स और विल्मोर अंतरिक्ष में 286 दिन बिताने के बाद मंगलवार को पृथ्वी पर लौटे हैं, जबकि उन्हें आठ दिन ही वहां रहना था।अंतरिक्ष यान में खराबी आने के बाद वे दोनों अनुमानित समय से 278 दिन अधिक दिन तक आईएसएस पर फंसे रहे। लेकिन अब नासा के नियमों के मुताबिक, उन्हें अप्रत्याशित ढंग से 278 अधिक दिन तक अटके रहने के लिए कोई ओवरटाइम नहीं मिलेगा। हालांकि, ऐसी स्थिति में आकस्मिक खर्चों के तौर पर प्रतिदिन 5 अमेरिकी डॉलर दिए जाते हैं।
रिपोर्ट्स में नासा के अंतरिक्ष संचालन मिशन निदेशालय प्रवक्ता जिमी रसेल के हवाले से बताया गया है कि अंतरिक्ष में रहने के दौरान अंतरिक्ष यात्री संघीय कर्मचारियों के तौर पर आधिकारिक यात्रा पर होते हैं और उन पर भी उसी तरह के नियम-कायदे लागू होते हैं। रसेल ने कहा कि आईएसएस पर वक्त बिताने वाले अंतरिक्ष यात्रियों को ओवरटाइम, छुट्टी या सप्ताहांत वेतन नहीं मिलता है। उनके आने-जाने, रहने और खाने पर आने वाले को वहन किया जाता है और कार्य संबंधी यात्रा करने वाले अन्य संघीय कर्मचारियों की तरह उन्हें भी दैनिक आकस्मिक भत्ता मिलता है।
वार्षिक वेतन के अलावा आकस्मिक भत्ता
रसेल के अनुसार किसी भी स्थान की यात्रा के लिए आकस्मिक भत्ता 5 डॉलर प्रतिदिन है। इसका मतलब यह है कि सुनीता विलियम्स और विल्मोर को उनके वार्षिक वेतन (करीब 152258 डॉलर) के अलावा अंतरिक्ष में बिताए 286 दिनों के लिए करीब 1430 डॉलर मिले। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि आईएसएस में रहने के दौरान क्या आकस्मिक खर्च किया होगा। अमेरिकी जनरल सर्विसेज एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक, आम तौर पर यह राशि सामान ढोने वाले या होटल कर्मचारियों को दी जाने वाली टिप के लिए होती है।
मेरा मानना है कि भले ही संबंधित विभाग की सामान्य परिस्थितियों में ऐसे मामलों में कोई भी नीति हो लेकिन सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर का मामला बिल्कुल अलग नजर आता है क्योंकि वो अंतरिक्ष में अपनी मर्जी से शायद नहीं रूके और अखबार की खबर से भी ऐसा ही प्रतीत होता है। इसलिए पृथ्वी से ढाई सौ मील ऊपर रहकर सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर ने किन परिस्थितियों में समय गुजारा होगा उसे शायद वही समझ सकते हैं। लेकिन इस यात्रा को संचालित करने वाले विभाग के अफसरों को परिस्थितियों के बारे में ध्यानपूर्वक सोचकर इन दोनों अंतरिक्ष यात्रियों के योगदान और उपलब्धियों के लिए एक अलग पैकेज सम्मानजनक रूप से तैयार कर इन्हें देना चाहिए। वैसे भी जहां तक मुझे लगता है वैज्ञानिकों और अंतरिक्ष यात्रियों के बारे में अन्य बिंदुओं के इर्द गिर्द घूमने वाली नीति से अलग हटकर भविष्य में युवाओं को बढ़ावा देने की दृष्टि से सोचने से ही काम चलेगा। क्योंकि 278 दिन अंतरिक्ष में गुजारना सामान्य नहीं कह सकते। इसलिए इन दोनों को ओवरटाइम तो मिलना ही चाहिए इसके अतिरिक्त भी सहानुभूति राशि दी जानी चाहिए। क्योंकि इनके योगदान को जहां तक मुझे लगता है कम करके नहीं आंका जाना चाहिए।
(प्रस्तुतिः रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)
अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को दिया जाए विशेष पैकेज
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