मेरठ 22 जुलाई (प्र)। शिवरात्रि को लेकर औघड़नाथ मंदिर और पुरा महादेव मंदिर को एटीएस के हवाले किया गया है। दोनों जगहों पर एटीएस की एक-एक यूनिट लगाई गई है और मंदिर परिसर की निगरानी इसी टीम के हवाले है।
दूसरी ओर, पुलिस ने भी पुख्ता इंतजाम किए हैं। दोनों जगहों पर अस्थाई थाने बनाकर वहां एक सीओ और एक एसएचओ को जिम्मेदारी दी गई है। दो पालियों में पुलिस की ड्यूटी रहेगी और करीब 5200 पुलिसकर्मियों को सुरक्षा में लगाया गया है। इसके अलावा पीएसी और आरएएफ को लगाया गया है। 300 सीसीटीवी कैमरों की मदद से कंट्रोल रूम से निगरानी होगी।
ये है औघड़नाथ मंदिर का सुरक्षा प्लान
औघड़नाथ मंदिर का गर्भगृह और मुख्य परिसर एटीएस और आर्मी के हवाले किया गया है। कंट्रोल रूम में भी एटीएस के जवान तैनात रहेंगे। दो स्नाइपर भी लगाए गए हैं, जो ऊंची जगह से निगरानी करेंगे। औघड़नाथ मंदिर में एक अस्थाई थाना बनाकर वहां एक सीओ और एक इंस्पेक्टर को जिम्मेदारी दी गई है। कुल मिलाकर दो पालियों में तीन हजार पुलिसकर्मी ड्यूटी पर रहेंगे। इसके अलावा 200 कैमरों का कंट्रोल रूम बनाया गया है। तीन एएसपी, 8 सीओ, 15 इंस्पेक्टर, 115 सब इंस्पेक्टर, 600 कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल के अलावा एटीएस की एक यूनिट, तीन कंपनी पीएसी और दो कंपनी आरएएफ लगाई गई हैं। पांच वॉच टावर बनाए गए हैं। सुरक्षा और निगरानी को टेथर्ड ड्रोन लगाए गए हैं, जो हर गतिविधि पर नजर रख सकेंगे। इन्हें चलाने के लिए विशेष टीम रहेगी।
ट्रिपल लेयर सुरक्षा
औघड़नाथ और पुरामहादेव मंदिर के गर्भगृह में एटीएस और पुलिस अफसर रहेंगे। बाहर परिसर में पूरी व्यवस्था पुलिस ही संभालेगी। एंट्री गेट पर पुलिस के साथ एलआईयू और इंटेलीजेंस की टीम रहेगी। इसके अलावा आउटर कार्डन में आरएएफ और पीएसी को पुलिस के साथ लगाया गया है। यहीं पर पुलिस के साथ दोनों टीम मिलकर व्यवस्था बनाएंगी।
पुरा महादेव में ये रहेगी व्यवस्था
पुरा महादेव में गर्भगृह व मुख्य परिसर को एटीएस, जिला पुलिस के अधिकारियों के हवाले किया गया है। पुरा महादेव मंदिर पर एक एसपी और दो एएसपी के अलावा करीब 2200 पुलिसकर्मियों की टीम लगाई गई है। 100 कैमरों का कंट्रोल रूम है। आठ सीओ, 20 इंस्पेक्टर, 70 दरोगा और 500 कांस्टेबल-हेडकांस्टेबल तैनात किए हैं। एटीएस की एक टीम और पीएसी की छह कंपनी लगाई गई हैं। दो कंपनी आरएएफ भी तैनात रहेंगी। भीड़ कंट्रोल करने के लिए व्यवस्था बनाई गई है।
डीआईजी कलानिधि नैथानी का कहना है कि दो पाली में फोर्स को लगाया गया है। क्यूआरटी लगी हैं और सीसीटीवी कैमरों का कंट्रोल रूम हर जगह निगरानी के लिए बना है। इस बार टेथर्ड ड्रोन से निगरानी हो रही है। एलआईयू और अग्निशमन की ड्यूटी लगाई गई है। गर्भगृह में मजबूत पुलिसकर्मियों को लगाया गया है। जेब कतरों-चेन स्नेचरों पर कार्रवाई के लिए स्पेशल टीम को लगाया गया है।
चेन-स्नेचर पर स्पेशल टीम की रहेगी नजर
टेथर्ड ड्रोन ऐसे ड्रोन हैं, जो हवा में एक जगह निर्धारित किए जा सकते हैं। इनका कवरेज क्षेत्र ज्यादा होता है। ऐसे में हादसे की संभावना भी कम होती है। इनकी उड़ने की क्षमता भी ज्यादा होती है। इस बार चेन स्नेचर, जेब कतरों पर कार्रवाई के लिए स्पेशल टीम को लगाया गया है। सादे कपड़ों में टीम लगातार घूमती रहेगी।