मेरठ 14 मई (प्र)। एलएलआरएम मेडिकल कालेज की इमरजेंसी में एक युवक खून से लथपथ हालत में फर्श पर गिरा हुआ था, उसकी कोई सुध नहीं ले रहा था। उसके शरीर से खून रिस रहा था और कपड़े भी रक्तरंजित थे।
इस घायल युवक के जब 27 और 50 सेकंड के दो वीडियो गत सोमवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुए और उन्हें सूबे के उपमुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक को टैग किया गया था। इससे मेडिकल में हड़कंप मच गया। जिलाधिकारी ने तत्काल मेडिकल कालेज के प्राचार्य से रिपोर्ट तलब कर ली। प्राचार्य ने तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है, जो तीन दिन में रिपोर्ट देगी।
मरीज सूरज पुत्र संगतराम लगभग उम्र 30 वर्ष है सिर और चेहरे पर चोट लगने के कारण पीएल शर्मा जिला अस्पताल से रेफर होकर शनिवार रात 10.32 बजे मेडिकल के आपातकालीन विभाग में भर्ती किया गया था। इस संबंध में प्रमुख अधीक्षक डा. धीरज बालियान ने बताया कि मरीज को सर्जरी विभाग के डा. नितिन चौधरी के अधीन भर्ती किया गया था मरीज को तत्काल से देखा गया और प्राथमिक उपचार शुरू किया गया, लेकिन मरीज सिर में चोट होने के कारण बेड से उतर कर भागने के प्रयास में गिर गया यह वीडियो इसी समय किसी ने बना लिया। मरीज को फिर से बेड पर लिटाया गया। कर्मचारियों की मदद से सिर का सीटी स्कैन कराया गया, जिसमें सिर में खून के थक्के पाए गए। मरीज को न्यूरो सर्जन डेंटल सर्जन, नेत्र विभाग और नाक-कान-गला (ईएनटी) सर्जन को भी दिखाया गया। उन्होंने कहा कि मरीज का इलाज न्यूरो सर्जरी विभाग के डा. दिनेश सिंह के अधीन न्यूरो सर्जरी वार्ड के बेड नंबर 34 पर चल रहा है।
घायल के बारे में की जा रही जानकारी
प्रमुख अधीक्षक का कहना था कि युवक कहां का रहने वाला है। क्या करता है। उसके साथ हादसा या घटना कैसे हुई। यह अभी पता नहीं चल सका है, क्योंकि सिर में गंभीर चोट लगने के कारण वह अभी पूरी तरह से बताने की स्थिति में नहीं है। उसने सिर्फ नाम और पिता का नाम बताया है। उसके बारे में बाकी जानकारी की जा रही है।
तीन सदस्यीय कमेटी गठित
प्राचार्य डा. आरसी गुप्त ने बताया कि जिलाधिकारी को प्राथमिक जांच रिपोर्ट भेज रहे है। मामले की गंभीरता को देखते हुए विभागाध्यक्ष इमरजेंसी विभाग डा. वैभव तिवारी, सहायक आचार्य सजी डा. संदीप मालवान और चिकित्सा अधीक्षक की जांच समिति बनाई गई है। तीन दिनों के अन्दर समिति को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया गया है। जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
जिला अस्पताल में दर्ज नहीं घायल का रिकॉर्ड
मेडिकल कालेज प्रबंधन का कहना है कि मरीज जिला अस्पताल से रेफर होकर मेडिकल कालेज लाया गाया था। हालांकि इस संबंध में जिला अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. कौशलेंद्र सिंह का कहना है कि इमरजेंसी में मरीज का कोई भी रिकॉर्ड दर्ज नहीं है। रेफर करने पर पूरा ब्योरा दर्ज कर रेफर किया जाता है।
दूसरी ओर आज यह विषय चर्चा का रहा कि जनपद की तहसील मवाना में एफआईटी में बीसीए के छात्र 20 साल के उमंग ने अपनी जिम्मेदारी समझकर घायल को अस्पताल पहुंचाया लेकिन मेडिकल में वो तड़पता रहा। मुझे लगता है कि अखबारों में छपि खबर का संज्ञान लेते हुए शासन की नीति के तहत घायल को अस्पताल पहुंचाने पर मिलने वाली राशि उमंग को दी जाए जिससे अन्य नौजवान भी प्रेरित होकर अपनी जिम्मेदारियों को समझे और जरूरतमंदो को सहायत उपलब्ध कराने में लापरवाही करने से बचें।
मेडिकल प्राचार्य इस संदर्भ में कुछ कह रहे है प्यारे लाल अस्पताल के चिकित्सक कुछ और। एक प्रातः कालीन समाचार पत्र ने लिखा कि सूरज को पहुंचाया मेडिकल। एक घायल को लेकर यह विरोधाभास जो हो रहा है इसकी भी जांच जिलाधिकारी जी को करानी चाहिए क्योंकि अगर मेडिकल कालेज प्रबंधन गलत कह रहा है तो उसके और प्यारेलाल अस्पताल के चिकित्सक गलत बोल रहे है तो उनके विरूद्ध भी हो गंभीर कार्रवाई। क्योंकि सरकार दुर्घटना में घायल को हरसंभव चिकित्सा उपलब्ध कराने और उन्हें अस्पताल तक लाने वाले नागरिको को प्रोत्साहन देने का महत्वपूर्ण कार्य कर रही है।