Wednesday, January 1

सात हजार में होगी दिमाग की नसों की जांच, मेडिकल में पहली बार की गई डिजिटल सबट्रेशन एंजियोग्राफी

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मेरठ 22 मई (प्र)। एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज में पहली बार डिजिटल सबट्रेशन एंजियोग्राफी (डीएसए) टेस्ट शुरू किया गया है। अब सरकारी चिकित्सा संस्थानों में यह टेस्ट कराने के लिए दिल्ली और चंडीगढ़ नहीं जाना होगा। इस टेस्ट में दिमाग की सभी प्रकार की खून की नसों की जांच की जाती है। एक कैथिटर द्वारा दिमाग की खून की नसों तक पहुंचा जाता है और उनमें होने वाले प्रवाह को देखा जाता है। टेस्ट की मदद से ब्रेन स्ट्रोक और दिमाग की अन्य बीमारियों का पता लगाया जा सकता है। यह जांच मात्र सात हजार में होगी।

पहला टेस्ट मोयमोया बीमारी से ग्रसित मरीज रीना निवासी गंगानगर पर किया गया। मोयमोया मस्तिष्क की एक दुर्लभ बीमारी है। इसमें मस्तिष्क को रक्त को आपूर्ति करने वाली मुख्य धमनियां संकीर्ण और अवरुद्ध हो जाती हैं। यह टेस्ट न्यूरोलॉजी विभाग में विभागाध्यक्ष डॉ. दीपिका सागर ने किया। उन्होंने बताया कि रीना के दिमाग का ऑपरेशन एम्स दिल्ली में हुआ था उन्हें जांच कराने के लिए दिल्ली जाना पड़ता था या फिर प्राइवेट हॉस्पिटल में महंगी जांच करानी पड़ती थी। अब यह जांच मेडिकल कॉलेज में होने से मरोज खुश हैं।

इस टेस्ट द्वारा दिमाग में होने वाली ब्लीडिंग, खून का थक्का जमना, दिमागी नसों में आपस में होने वाले गलत कनेक्शन के बारे में भी सटीक जानकारी प्राप्त की जा सकती है सरकारी संस्थानों में इस टेस्ट को कराने के लिए मरीजों को पहले दिल्ली या पीजीआई चंडीगढ़ जाना पड़ता था, लेकिन अब इस टेस्ट की सुविधा मेडिकल कॉलेज उपलब्ध है।

निजी अस्पतालों में महंगी, मेडिकल में सस्ती जांच
प्राचार्य डॉ. आरसी गुप्ता ने बताया कि इस टेस्ट की मदद से मरीजों की दिमागी बीमारियों को समझने और उनके बेहतर इलाज करने में मदद मिलती है। यह टेस्ट प्राइवेट हॉस्पिटल में लगभग 25 से 30 हजार रुपये तक होता है, लेकिन मेडिकल कॉलेज में यह टेस्ट सात हजार रुपये में किया जा रहा है। अब ब्रेन स्ट्रोक या अन्य दिमाग संबंधित गंभीर बीमारियों के इलाज के दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा।

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