Sunday, December 22

प्रवेश परीक्षा में सेंधमारी, एसटीएफ ने गिरोह के दो सदस्यों को दबोचा

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मेरठ 29 अप्रैल (प्र)। सिस्टम को हैक कर परीक्षा पेपर सॉल्व कराने वाले गिरोह के दो सदस्यों को एसटीएफ की मेरठ यूनिट ने दबोचा था। बताया जाता है कि जिस प्रकार से पूरा सिस्टम हैक कर ये गिरोह परीक्षा पेपर सॉल्व कराता था उससे पूछताछ करने वाले एसटीएफ के अफसर भी हैरान रह गए। एसटीएफ के एएसपी ब्रिजेश कुमार सिंह ने जानकारी दी कि एक सूचना के आधार पर यह बड़ी गिरफ्तारी की गयी है। जिस प्रकार से यह गिरोह परीक्षा पेपर सॉल्व कराता था, उसके चलते इन तक पहुंचना और पूरे गिरोह का खुलासा करना आसान काम नहीं था, लेकिन आखिरकार गिरोह के दो सदस्य दबोच लिए गए।

राहुल और जितेश का गिरोह ऐक्सेस सॉफ्टवेयर के जरिये पूरा सिस्टम हैक कर परीक्षा पेपर को सॉल्व कराते थे। इस गिरोह ने वैल्यूर इंस्टीट्यूट आॅफ प्राइवेट यूनिवर्सिटी वैल्यूर तामिलनाडू की इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा 2024 का परीक्षा प्रश्न पत्र हल कराया। इसके लिए इन्होंने अभ्यार्थियों से एक मोटी रकम वसूली। जिन अभ्यार्थियों से भारी भरकम रकम वसूली गयी है उनकी संख्या हजारों में है और सुनने में आया है कि जो रकम वसूली गई है वो करोड़ों में हो सकती है। पुलिस ने इनके कब्जे से लैपटॉप, एडमिट कार्ड और एक अभ्यार्थी की डिस्प्ले कॉपी भी बरामद की है। दरअसल इस शातिर गिरोह की जो टैक्नॉलाजी का यूज कर परीक्षा प्रश्न पत्र हर करता था उनके संबंध में काफी समय से आॅन लाइन सूचना मिल रही थी। इस सूचना के मद्देनजर एसटीएफ एक्टिवेट हो गयी।

मुख्यालय से एसटीएफ की तमाम फील्ड यूनिटों को इस संबंध में जानकारी के निर्देश दिए गए। एएसपी ब्रिजेश कुमार सिंह के निर्देशन में एसटीएफ मेरठ फील्ड यूनिट इस टॉस्क में लग गयी। साथ ही अपने अभिसूचना तत्र को भी एक्टिव कर दिया। 27 अप्रैल को एसटीएफ मेरठ फील्ड यूनिट के निरीक्षक सुनील कुमार के नेतृत्व में रकम सिंह, आकाश दीप, विनय कुमार, प्रदीप धनकड़ व चालक भूपेन्द्र कुमार की टीम उत्तराखंड के देहरादून में मौजूद थी। इस दौरान कुछ लोगों द्वारा सहस्त्रधारा रोड रायपुर पर स्थित ईडीयू च्वाइस कंसलैंसी कार्यालय से बीआईटी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा 2024 के कन्प्यूटर सिस्टम हैक करके अभ्यार्थियों से मोटी रकम लेकर प्रश्न पर सॉल्व करने की सूचना प्राप्त हुई। वहां पर दबिश दी गयी तो राहुल कुमार व जितेश हत्थे चढ़ गए।

पूछताछ में जितेश कुमार ने बताया कि उसने देहरादून में रायपुर रोड पर इडीयू च्वाइस कंसल्टेंसी कार्यालय खोला। उसी दौरान उसकी मुलाकात अचानक राहुल कुमार से हुई। बस फिर क्या था। टेक्नोलॉजी की बेहतर समझ रखने वाले दो शातिर दिमाग मिल गए और शुरू हो गया धन वर्षा कराने का धंधा। ये लोग सोशल मीडिया पर तमाम इंजीनियरिंग कालेज में एडमिशन कराने का विज्ञापन जारी किया करते थे।

सोशल मीडिया पर इनका विज्ञापन देखकर हरियाणा का कुलवीर इनके संपर्क में आया। कुलवीर की आईटी पार्क देहरादून में सेंट जेवियर स्कूल कैनन रोड पर आॅनलाइन परीक्षा की लैब है। उसने जितेश व राहुल से कहा कि वो सदस्य लाएं और तीनों मिल कर परीक्षा प्रश्न पत्र साल्व कराएंगे। इसमें बहुत मोटी कमाई है और ये तीनों इस काम में लग गए। कुलदीप के साथ ही इनकी मुलाकात गौरव निवासी बिजनौर से हुई। गौरव की जान पहचान अन्य लैबों में भी थी। उसके जरिये ये लोग अन्य लैबों में भी परीक्षा प्रश्न पत्र साल्व करने का काम करते थे। सिस्टम को हैक कर नकल कराने के एवज में मोटी रकम वसूला करते थे।

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