Monday, July 7

मुख्यमंत्री जी ग्राम प्रधान की शिकायत को ध्यान में रख उच्च स्तरीय समिति गठित कराकर जेपी रेजीडेंसी कालोनी मवाना रोड की कराई जाए जांच, खेती की भूमि पर नियम विरूद्ध निर्माण में बिजली विभाग ने कैसे दिया कनेक्शन, बैंक क्यों दे रहे है लोन, मेडा के धन का क्या हुआ

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मेरठ 18 जून (घुमंतू संवाददाता)। मेडा के अधिकारी कितना ही कच्ची कालोनी काटने और अवैध निर्माण करने वालों के विरूद्ध कार्रवाई का ढिंडौरा पीट रहे हो लेकिन सही बात तो यह है कि छोटी मोटी कालोनियों व मकानों पर बुलडोजर चलाकर जानकारों के अनुसार मेडा के इससे संबंध अधिकारी माननीय मुख्यमंत्री जी व मंडलायुक्त जी का ध्यान कृषि भूमि पर शासन की निर्माण नीति के विपरित कट रही बड़ी बड़ी कच्ची कालोनियों की ओर से ध्यान हटाने का प्रयास है। उदाहरण के रूप में इस काम से प्राप्त मोटी रकम खर्च कर अनकहे रूप में हर क्षेत्र के बड़े लोगों को बुलाकर उन्हें सम्मानित आदि कर इस अवैध कालोनी का प्रचार निर्माणकर्ताओं द्वारा कराया जा रहा है। कई बार आईजीआरएस पोर्टल पर मवाना रोड़ स्थित जेपी रेजीडेंसी गु्रप की मानचित्र पास के नाम पर अवैध रूप से काटी जा रही कच्ची कालोनियों के बारे में शिकायत हुई तो खबर के अनुसार इंचौली थाने के दरोगा सहित मेडा के परिवर्तन अधिकारी के माध्यम से शासन को झूठी रिपोर्ट भेजकर फर्जी निस्तारण शिकायतों का किया गया।

बताते चले कि जब यह कालोनी कट रही थी तो कई समाचार पत्रों में इसकी असलियत का पर्दाफाश करते हुए खबरें छपी लेकिन मेडा के अधिकारियों के कानों पर जूं नहीं रेगी। परिणाम स्वरूप किसी भी कार्य का गलत प्रचार करने की रोक के बाद भी दो सीरियलों के अभिनेता अभिनेत्री को बुलाकर इसका झुठा प्रचार कर नागरिकों को आर्कषित किया गया। किसी भी कालोनी या अन्य प्रकार का रास्ता स्कूल कंपाउड से ना दिये जाने की शासन की नीति के बाद भी जेपी एकेडमी से पीछे काटी जा रही कालोनी को रास्ता दिया गया। आश्चर्य तो इस बात का है कि कुछ नागरिकों के अनुसार कहा जा रहा है कि कालोनी निर्माणकर्ता पर जब यह शुरू हुई तो दिल्ली रोड पर इसके द्वारा काटी गई एक कालोनी का शुल्क जो दिया जाना चाहिए था वो बाकाया था बिजली विभाग की भी देनदारी थी। उसके बावजूद कुछ मकान का नक्शा पास हुआ तो कैसे कर दी गई इतनी बड़ी अवैध कालोनी खेती की भूमि पर।

अब मवाना रोड स्थित गांव भचौला के ग्राम प्रधान के द्वारा मंड़लायुक्त मेडा वीसी सचिव से शिकायत करने के साथ साथ आईजीआरएस पोर्टल पर भी शिकायत की गई लेकिन ग्राम प्रधान का कहना है कि इस पर कार्रवाई करने की बजाए जिम्मेदारों ने सांठगांठ कर काम जल्दी निपटाने की सलाह दी गई बताई जा रही है। परिणाम स्वरूप हमेशा किसी न किसी मुद्दे को लेकर विवादित जेपी रेंजीडेंसी ग्रुप के संचालक दंबगई दिखाते हुए बिना रोकटोक के भू उपयोग परिवर्तित कराये बिना कालोनी काटने में लगे है। ग्राम प्रधान का कहना है कि नक्शा तो किसी भी रूप में मेडा से पास हो ही नहीं सकता। इनके द्वारा फसल पर बुलडोजर चलवाकर खेतों पर प्लॉट काटने व मकान बनाने हेतु सही करने के लिए बराबर के खेतों से अवैध खनन कर प्लॉट काटने लायक बनाया गया। आखिर बिना भू उपयोग परिवर्तित व मानचित्र पास कराये कालोनी मेडा वीसी के घर से कुछ ही दूरी पर कैसे कट रही है यह विषय चर्चाओं में है। खबर के अनुसार इस कालोनी के निर्माण में गोलमाल ही गोलमाल है। और संबंधित विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत होने के चलते मुख्यमंत्री जी को यह जांच कराने को भी तैयार नहीं है तो नक्शा पास था तो वो कितनी जगह का था और कालोनी कितनी जगह में कट रही है। तथा मानचित्र में जो शर्ते होती है वो पूरी की जा रही है या नहीं।

माननीय मुख्यमंत्री जी ग्राम प्रधान द्वारा खुद शिकायतें की जा रही है और बताया गया है कि अब गांव के नेपाल सुरेन्द्र विजय से खेती की भूमि खरीदकर यह जो निर्माण होता नजर आ रहा है यह कृषि भूमि पर हो रहा है। ग्राम प्रधान ने स्पष्ट आरोप लगाया है कि यह पूरी की पूरी कालोनी नियम विरूद्ध और मेडा से संबंधित अधिकारियों की मिलीभगत और सेटिंग कर बनाई जा रही है। सीएम साहब जानकारों का कहना है कि मेडा के अधिकारी तो हर बार आईजीआरएस पोर्टल पर की गई शिकायतों का गलत जबाव देते रहे है और इसे मानचित्र के अनुकूल बताते रहे है। इसलिए उनसे तो काई उम्मीद की नहीं जा सकती। इस कच्ची कालोनी के निर्माण और मेडा के अधिकारियों और पुलिस की भूमिका की तथ्य परख जांच मेरठ मंड़ालयुक्त द्वारा वरिष्ठ व जानकार ईमानदार अधिकारियों की एक टीम गठित कराकर जांच कराई जाए तभी सरकार के सारे नियमों का उल्लंघन कर निर्माण नीति के विपरित बनी इस कालोनी का कच्चा चिट्ठा खुलकर सामने आयेगा।

कई जानकारों का कहना है कि इन बिन्दुओं पर कराई जाए जांच

  1. जब यह कालोनी बनाना शुरू हुई तो इसके निर्माणकर्ता पर पूर्व में बनाई गई कालोनियों पर मेडा का कितना बकाया था।
  2. प्रतिबंध के बावजूद बिजली विभाग द्वारा कैसे कनेक्शन दिये गये।
  3. उच्च न्यायालय द्वारा बैंकों को स्पष्ट निर्देश एक मामले में दिये जा चुके है जब कोलोनाईजर पूर्ण प्रमाण पत्र संबंधित विभाग से न ले ले तब तक बैंक किसी भी प्रकार का लोन इस जमीन बने मकान और प्लॉटों पर ना दिया जाए।
  4. नक्शे में क्या पास किया था बन क्या रहा है।
  5. कितनी जगह पर निर्माण एवं प्लॉट काटने का नक्शा पास है बना क्या दिया है।
  6. मेडा के अफसर झूठी रिपोर्ट लगाकर क्यों कर रहे शिकायतों का फर्जी निस्तारण।
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