मेरठ 19 नवंबर (प्र)। छोटी खेती के किसानों को सहारा देने व किसानों की आय दोगुना करने के उद्देश्य से शुरू की गई प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में लाभार्थी किसानों को 18 किश्तों का लाभ मिल चुका है। जिले में 2,52,799 किसानों ने योजना शुरू होने से पहले पंजीकरण कराया था। जिसमें से 18वीं किश्त का लाभ 1,77, 684 किसानों को दिया जा चुका है। इसमें किसानों को लगभग 625 करोड़ की धनराशि सीधे खाते में भेजी गई। किश्त दर किश्त किसानों की सम्मान निधि के कागजातों में सत्यापन प्रक्रिया जारी हैं। जिले में ऐसे 384 किसान मिले हैं, जिन्होंने सम्मान निधि का स्वैच्छिक समर्पण किया है। ऐसे किसानों ने अपनी आर्थिक स्थिति समृद्ध बताते हुए या किसी जरूरतमंद के लिए अपना अधिकार छोड़ने की बात कही है। 1328 किसान ऐसे हैं, जिनका पंजीकरण दूसरी बार हुआ, जिसे बाद में शासन द्वारा सत्यापन में निरस्त कर दिया।
यह है सम्मान निधि
इस योजना के अंतर्गत किसानों को एक वर्ष में छह हजार रुपये वार्षिक बैंक खाते के माध्यम से धनराशि दी जाती है। यह धनराशि तीन किश्तों में आती है। इस योजना में कृषि भूमि की सीमा समाप्त कर दी गई है। इससे पहले यह केवल दो हेक्टेयर तक के किसानों को दी जा रही थी। इसमें केवल वही कृषक परिवार पात्र है, जिसके पास कृषि भूमि है । सम्मान निधि का लाभ लेने के लिए आधार कार्ड, खतौनी की नकल, बचत खाते की पासबुक लेखपाल को देना होता है। एक घोषणा पत्र भरकर भी किसान को देना होता है। साथ ही स्वयं अपना पंजीकरण जन सेवा केंद्र के माध्यम से pmkisan.gov.in पर कराना होता है।
क्या कहते हैं किसान
जिले के 384 किसानों ने सम्मान निधि को स्वैच्छिक समर्पण किया है। इसमें से कुछ किसान ऐसे हैं, जिनके कागजात में गलती होने के कारण ऐसा हुआ तो कुछ ने कारण बताया है कि उन्हें लगता है सम्मान निधि के वह हकदार नहीं है, वह आर्थिक रूप से समृद्ध हैं। दूसरे पात्र किसानों को इसका लाभ मिले, जो पात्रता में आते हैं। जिन्हें इसकी जरूरत भी है। मवाना के हरविंद्र सिंह का कहना है कि वह आर्थिक रूप से संपन्न हैं, इसलिए सम्मान निधि का लाभ दूसरों किसानों को मिले, इसलिए मैंने अपनी निधि का स्वैच्छिक समर्पण किया है।
कृषि उप निदेशक नीलेश चौरसिया ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में सत्यापन प्रक्रिया लगातार जारी रहती है। इसमें किसानों का डेटा बेस तैयार किया जा रहा है। जिन्हें भविष्य में कई योजनाओं से सीधे जोड़ने की पहल की जाएगी। स्वैच्छिक समर्पण वाले किसानों की संख्या 384 और दोहरा पंजीकरण वाले किसान 1328 मिले हैं।