Friday, November 22

सोशल मीडिया से तुरंत हटाये बाल शोषण से जुड़ी जानकारीः केन्द्र

Pinterest LinkedIn Tumblr +

नई दिल्ली 07 अक्टूबर। सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पहले ट्विटर), यूट्यूब और टेलीग्राम को भारत में अपने प्लेटफॉर्म से बाल यौन शोषण सामग्री हटाने के लिए नोटिस जारी किया है. इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि अगर सोशल मीडिया कंपनियां तेजी से काम नहीं करती हैं, तो सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 79 के तहत उनके ‘बचाव’ को वापस ले लिया जाएगा. इसका मतलब ये है कि इन प्लेटफॉर्म पर सीधे लागू होने वाले कानून और नियमों के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है. भले ही कंटेंट इन्होंने अपलोड नहीं की हो.

बयान में कहा गया है, ‘‘इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सोशल मीडिया कंपनियों एक्स, यूट्यूब और टेलीग्राम को नोटिस जारी किया है. इसमें उन्हें भारतीय इंटरनेट पर अपने प्लेटफॉर्म से बाल यौन शोषण सामग्री हटाने की चेतावनी दी गई है. इन प्लेटफॉर्म को दिए गए नोटिस किसी भी सीएसएएम को तत्काल प्रभाव से हटाने या उन तक पहुंच को अक्षम करने के महत्व पर जोर देते हैं.”

मंत्रालय ने कहा कि नोटिस का अनुपालन नहीं करना आईटी नियम, 2021 के नियम 3(1)(बी) और नियम 4(4) का उल्लंघन माना जाएगा. मंत्रालय ने तीन सोशल मीडिया इंटरमीडियरीज को चेतावनी दी है कि नोटिस के अनुपालन में देरी होने पर आईटी अधिनियम की धारा 79 के तहत उनको मिली सुरक्षा वापस ले ली जाएगी, जो वर्तमान में उन्हें कानूनी दायित्व से बचाती है.
केंद्रीय कौशल विकास व उद्यमिता और इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा, “सरकार आईटी नियमों के तहत एक सुरक्षित और भरोसेमंद इंटरनेट बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. आईटी अधिनियम के तहत निर्धारित नियम सोशल मीडिया इंटरमीडियरीज से सख्त अपेक्षा रखते हैं कि उन्हें अपने प्लेटफॉर्म पर आपराधिक या हानिकारक पोस्ट की अनुमति नहीं देनी चाहिए.”
सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम, 2000 में बाल यौन शोषण सामग्री सहित अश्लील सामग्री पर प्रतिबंध लगाने के लिए प्रावधान किए गए हैं. आईटी अधिनियम की धारा 66ई, 67, 67ए और 67बी के तहत अश्लील या अश्लील सामग्री के ऑनलाइन प्रसारण के लिए कड़े दंड व जुर्माने के प्रावधान किए गए हैं.

Share.

About Author

Leave A Reply