मेरठ 19 सितंबर (प्र)। मेरठ का माल अब मुंबई बंदरगाह तक सिर्फ 14 घंटे में पहुंच सकेगा। मेरठ में डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर के लिए कार्गाे टर्मिनल बनने जा रहा है। दरअसल, डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर कारपोरेशन आफ इंडिया (डीएफसीसीआइएल) ने खुर्जा से सहारनपुर तक 222 किमी के हिस्से में 30 स्टेशनों पर कार्गाे टर्मिनल बनाने के लिए पीएम गति शक्ति कार्गाे टर्मिनल योजना के अंतर्गत निविदा आमंत्रित की है। इसमें पांच स्टेशन मेरठ के शामिल हैं। उम्मीद है कि मेरठ के पांच स्टेशनों में से किसी एक के लिए कोई न कोई कंपनी तैयार हो जाएगी। ऐसी ही उम्मीद बाकी जिलों के लिए भी है। इस कारिडोर पर 120 किमी प्रति घंटे की गति से मालगाड़ी दौड़ रही है । डीएफसी पर मेरठ-मुंबई के बीच की दूरी लगभग 1400 किमी है। पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) के लिए निविदा आमंत्रित की गई है। टर्मिनल बनाने के लिए भूमि को दो श्रेणी में बांटा गया है। यदि कंपनी प्राइवेट जमीन पर टर्मिनल बनाती है तो उसे शेड्यूल – एक नाम दिया गया है, यदि कंपनी रेलवे की सरकारी भूमि पर टर्मिनल बनाती है तो उसे शेड्यूल-दो नाम दिया गया है। कंपनी किसी एक या दोनों शेड्यूल में निविदा डाल सकती है।
यह है कार्गाे टर्मिनल : कार्गाे टर्मिनल बड़े स्तर पर थोक माल या ट्रक जैसे मालवाहन को सुविधाजनक तरीके से सैकड़ों किलोमीटर दूर पहुंचाने के लिए एक स्थान है। यहां पर एक विशेष तरह का ट्रांसपोर्ट नगर, वेयर हाउस व बुकिंग सेंटर होता है। विभिन्न स्थानों से बड़े स्तर आए माल को या फिर कंटेनर को टर्मिनल में बुक कराने के बाद मुंबई, लुधियाना, कोलकाता आदि किसी भी शहर में फ्रेट कारिडोर के माध्यम से भेजा जा सकेगा।
ये हैं स्टेशन
मेरठ जिला
– न्यू मोहिउद्दीनपुर
– न्यू परतापुर
– न्यू मेरठ कैंट
– न्यू दौराला
– न्यू सकौती
मुजफ्फरनगर
– न्यू खतौली
– न्यू मंसूरपुर
– न्यू जरीदानारा
– न्यू मुजफ्फरनगर
– न्यू रोहाना कलां
सहारनपुर
– न्यू देवबंद
– न्यू तल्हेरी बुजुर्ग
– न्यू टपरी
– न्यू सहारनपुर
– न्यू पिलखनी
बुलंदशहर
– न्यू खुर्जा
– न्यू बुलंदशहर
– न्यू मामन
– न्यू चपरावत
– न्यू गुलावठी
15 प्रतिशत बढ़ेगा निर्यात, धन और समय की बचत
टेबल टेनिस खेल उत्पाद की प्रमुख निर्माता कंपनी स्टेग इंटरनेशनल के प्रबंध निदेशक राकेश कोहली का कहना है कि जब मेरठ से फ्रेट कारिडोर से मुंबई बंदरगाह तक त्वरित गति से माल पहुंचने पर बड़ा बदलाव आएगा। यहां से बड़े पैमाने पर खेल उत्पाद का निर्यात होता है। इस कारिडोर से निर्यात में 15 प्रतिशत से अधिक बढ़ोतरी हो जाएगी। खेल उत्पाद निर्यात प्रोत्साहन संवर्धन परिषद के क्षेत्रीय निदेशक व एथलीट उपकरण निर्माता कंपनी नेल्को के निदेशक अंबर आनंद का कहना है कि इसे धन और समय दोनों की बचत होगी। इससे माल परिवहन का पूरा परिदृश्य बदल जाएगा ।