मेरठ 28 जून (प्र)। सत्र 2025-26 शुरू होने की तैयारियों से ठीक पहले नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) ने उत्तर प्रदेश के 1059 शिक्षक-शिक्षा (टीचर एजुकेशन) कॉलेजों की मान्यता खत्म कर दी है। सबसे ज्यादा डीएलएड के 380 और बीएड के 178 कॉलेजों की मान्यता खत्म की गई है।
यूपी में बीएड की अगले महीने काउंसिलिंग प्रस्तावित है और संबंधित विवि कॉलेजों के नाम भेज चुके हैं। ऐसे में मान्यता खत्म होने का मामला अदालत में जाने के आसार हैं। उक्त फैसले में चौ.चरण सिंह विवि के छह जिलों के 50 से अधिक कॉलेज भी आए हैं। शुक्रवार देर रात एनसीटीई के उक्त फैसले में शामिल कॉलेजों की सूची जारी कर दी गई। यह कार्रवाई उन कॉलेजों की है जिन्होंने परफोर्मेंस एन्युअल रिपोर्ट (पीएआर) जमा नहीं है। सूची जारी होते ही वाट्सएप ग्रुप पर कॉलेजों ने सूची शेयर करनी शुरू कर दी।
एनसीटीई बीते कई महीनों से कॉलेजों से लगातार पीएआर अपलोड करने के निर्देश दे रही थी। इसी क्रम में एनसीटीई ने पहले दो चरणों में देशभर के कॉलेजों की मान्यता खत्म की थी। शुक्रवार को जारी यह तीसरी सूची है जिसमें उत्तर प्रदेश के 1059 कॉलेजों पर कार्रवाई हुई है। सूची के अनुसार यूपी से डीएलएड के 380, बीएड के 178, बीपीएड के 22, एमएड के 22 कॉलेज शामिल हैं। उक्त कार्रवाई के दायरे में 16 पाठ्यक्रमों के कॉलेज हैं। वहीं एनसीटीई के फैसले के खिलाफ मेरठ के कॉलेज हाईकोर्ट जाने की तैयारी में हैं।
चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी से जुड़े कॉलेज भी शामिल
मेरठ स्थित चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले 6 जिलों के 50 से ज्यादा कॉलेज भी इस कार्रवाई में शामिल हैं। वहीं B.Ed काउंसलिंग जुलाई में प्रस्तावित है और विश्वविद्यालयों ने कॉलेजों की सूची भेज भी दी थी।
इस वजह से माना जा रहा है कि कई कॉलेज अब कोर्ट का रुख करेंगे ताकि मान्यता फिर से बहाल कराई जा सके।
क्या है कारण?
NCTE की ओर से बताया गया है कि जिन कॉलेजों ने Performance Annual Report (PAR) तय समय पर अपलोड नहीं की थी, उन्हीं पर यह कार्रवाई की गई है। NCTE कई महीनों से इसको लेकर अलर्ट करता रहा, लेकिन सैकड़ों कॉलेजों ने इसकी अनदेखी कर दी।
क्या हो सकते हैं इसके प्रभाव?
छात्रों का एडमिशन रुक सकता है
जुलाई में प्रस्तावित B.Ed काउंसलिंग पर असर
कॉलेजों की प्रतिष्ठा को झटका
कोर्ट केस और कानूनी उलझनों की शुरुआत