मेरठ 24 मई (प्र)। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की कुलपति सहित कुछ अन्य अधिकारियों के खिलाफ इलाहाबाद उच्च न्यायालय में भ्रष्टाचार से जुड़ी पीआइएल (जनहित याचिका) दायर की गई है। इसमें शामिल बिंदुओं का पोस्टर बनवाकर छात्रों ने विश्वविद्यालय परिसर सहित शहर के विभिन्न रास्तों और कालेजों के आसपास चस्पा कर दिया।
विश्वविद्यालय छात्र मोर्चा की ओर से लगाए गए इन पोस्टरों को सुबह देखने के बाद विश्वविद्यालय अधिकारी कर्मचारियों के साथ परिसर से लेकर तेजगढ़ी चौराहा स्थित कृष्णा प्लाजा तक लगे पोस्टर निकालने में जुट गए। जब पता चला कि पोस्टर बहुत ज्यादा हैं तो सभी वापस लौट गए। छात्रों ने विश्वविद्यालय परिसर में आंबेडकर छात्रावास से लेकर डिग्री के रास्ते, बालिका छात्रावास, मेरठ कालेज, एनएएस कालेज, आरजी कालेज और डीएन डिग्री कालेज सहित शहर के विभिन्न स्थानों पर करीब 600 पोस्टर चस्पा किए हैं। विश्वविद्यालय छात्र मोर्चा के अध्यक्ष रोहित नानपुर के अनुसार विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार के खिलाफ यह छात्र आंदोलन है। जितने पोस्टर लगाए जा चुके हैं, उतने ही और भी लगाए जाएंगे। जिन स्थानों से विश्वविद्यालय ने पोस्टर हटाया है, वहां दोबारा पोस्टर लगाए जाएंगे। कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला से छात्रों ने नौ बिंदुओं पर जवाब मांगा है।
परिसर सहित शहरभर में पोस्टर लगाए जाने पर कुलानुशासक प्रोफेसर बीरपाल सिंह ने कहा कि यह शरारती तत्वों द्वारा विश्वविद्यालय की छवि धूमिल करने की कोशिश है। परिसर में जिन जगहों पर पोस्टर मिले हैं, वहां के सुरक्षा अधिकारियों को प्राथमिक तौर पर दोषी मानते हुए कार्रवाई की गई है। सीसीटीवी फुटेज में कुछ छात्र पोस्टर लगाते हुए दिख रहे हैं। तस्वीरों के आधार पर मामले की जांच की जाएगी।