Sunday, December 22

महिला प्रधान प्रत्याशियों से ले शपथ पत्र, पति हस्तक्षेप नहीं करेंगेः हाईकोर्ट

Pinterest LinkedIn Tumblr +

प्रयागराज 29 नवंबर । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गांव सभा के कार्य में प्रधानपतियों के हस्तक्षेप पर तल्ख टिप्पणी करते हुए राज्य चुनाव आयोग को सर्कुलर जारी करने का निर्देश दिया है, जिससे भविष्य में नामांकन के समय इस संदर्भ में प्रत्याशी से हलफनामा ले लिया जाए कि महिला ग्रामप्रधान के कार्य में प्रधानपति या अन्य किसी रिश्तेदार का हस्तक्षेप नहीं होगा।

कोर्ट ने प्रमुख सचिव, पंचायत राज को भी यह आदेश सभी गांव सभा को प्रेषित करने का निर्देश दिया है। उक्त आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की एकलपीठ ने गांव सभा बिजनौर की नगीना तहसील, मदपुरी की महिला ग्राम प्रधान के मार्फत प्रधानपति के हलफनामे द्वारा दाखिल याचिका को 10 हजार जुर्माने के साथ खारिज करते हुए पारित किया।

कोर्ट ने यह निर्देश दिया कि महिला प्रधान और प्रधानपति दोनों पांच-पांच हजार का डिमांड ड्राफ्ट दो हफ्ते में महानिबंधक कार्यालय में जमा करेंगे। इसके साथ ही कोर्ट ने जिलाधिकारी, बिजनौर को आदेश दिया कि मदपुरी गांव सभा के कार्य में प्रधानपति सुखदेव सिंह हस्तक्षेप न करने पायें। सारे काम महिला प्रधान कर्मजीत कौर द्वारा ही निष्पादित किया जाए।

कोर्ट ने अपनी विशेष टिप्पणी में कहा कि उत्तर प्रदेश में प्रधानपति बहुत लोकप्रिय शब्द हो गया है। व्यापक पैमाने पर इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। बिना किसी अधिकार के प्रधानपति महिला ग्राम प्रधान की शक्तियों का इस्तेमाल करते हैं। महिला प्रधान एक रबर स्टैंप की तरह हो गई है। गांव सभा के सभी निर्णय प्रधानपति लेते हैं। चुना हुआ जनप्रतिनिधि मूक दर्शक बना रहता है।

कोर्ट ने आगे कहा कि गांव सभा की तरफ से याचिका दाखिल करने का गांव सभा का कोई प्रस्ताव याचिका में संलग्न नहीं है। महिला प्रधान को अपनी शक्ति अपने पति या अन्य किसी को देने का अधिकार नहीं है। बिना किसी अधिकार के प्रधानपति ने हलफनामा देकर महिला प्रधान के मार्फत गांव सभा की तरफ से मौजूदा याचिका दाखिल की।

कोर्ट ने कहा कि अगर इस याचिका को अनुमति दे दी जाती है तो महिला सशक्तिकरण का राजनीतिक उद्देश्य विफल हो जाएगा, साथ ही महिला को विशेष आरक्षण देकर राजनीति की मुख्य धारा में शामिल करने की कोशिश भी नाकाम हो जाएगी‌। प्रदेश में कई ऐसी महिला प्रधान हैं जो अच्छे काम कर रही हैं, लेकिन वर्तमान मामले में प्रधानपति के हस्तक्षेप से दाखिल अनाधिकृत याचिका जुर्माने सहित खारिज कर दी गई।

Share.

About Author

Leave A Reply