आगरा, 22 दिसंबर। साल 2023 का आखिरी महीना दिसंबर खत्म होने को है। इस माह की एक खास खगोलीय घटना में 22 दिसंबर को साल का सबसे छोटा दिन रहा, यानी आपको रोशनी सिर्फ 10 घंटे 41 मिनट ही दिखेगी। जबकि रात 13 घंटे 19 मिनट की होगी।
लंबी रातों का सिलसिला शुक्रवार से लंबी रातों का सिलसिला शुरू हो जाएगा। आगरा विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डा. वीपी सिंह के अनुसार, सूर्य के चारों ओर धरती के परिभ्रमण की वजह से 22 दिसंबर को सूर्य मकर रेखा पर लम्बवत होगा। इस कारण उत्तरी गोलार्द्ध में रात सबसे बड़ी और दिन सबसे छोटा होगा। तब दिन-रात होंगे बराबर अगर आप मध्य भारत की बात करें तो सूर्योदय सुबह 7.05 बजे पर होगा। सूर्यास्त शाम 5.46 बजे होगा। इस दिन सूर्य की रोशनी का एंगल 23 डिग्री 26 मिनट 17 सेकेंड दक्षिण की तरफ होगा। अगले साल 21 मार्च 2024 को सूर्य विषुवत रेखा पर होगा, तब दिन-रात बराबर समय के होंगे।
विंटर सॉल्सटिस का प्रभाव दूसरे ग्रहों की तरह पृथ्वी भी 23.5 डिग्री पर झुकी हुई है। झुके हुए अक्ष पर पृथ्वी के घूमने से सूर्य की किरणें एक जगह अधिक और दूसरी जगह कम पड़ती हैं। विंटर सॉल्सटिस के समय दक्षिणी गोलार्द्ध में सूर्य की रोशनी ज्यादा पड़ती है।
वहीं, उत्तरी गोलार्द्ध में सूरज की रोशनी कम पड़ती है। इस वजह से आज दक्षिणी गोलार्द्ध में सूरज ज्यादा देर तक रहता है, जिससे वहां का दिन लंबा होता है। ठण्ड आज से अधिक बढ़ेगी 22 दिसंबर को सूर्य कर्क रेखा की ओर से मकर रेखा की ओर दक्षिण की तरफ बढ़ता है। इस दिन से बर्फबारी की प्रक्रिया में अधिक तेजी आती है साथ ही मैदानी इलाकों में भी ठण्ड अधिक होने लगती है।
डा. वीपी सिंह, प्रोफेसर, आगरा विश्वविद्यालय का कहना है कि दिसंबर में होने वाली खगोलीय घटना से जनजीवन में परिवर्तन आता है। इसके बाद मार्च और जून में इस प्रकार के परिवर्तन होने से भी जनजीवन में बदलाव होते हैं।