मेरठ 24 नवंबर (प्र)। पश्चिमांचल के साढ़े चार लाख निजी ट्यूबवेल किसानों को अप्रैल 2023 के बाद से बिजली बिल नहीं देना होगा। प्रदेश सरकार के इस आदेश से किसानों के करीब 100 करोड़ बचेंगे। इसी के साथ पुराना बकाया अदा करने में किसान एकमुश्त समाधान योजना का लाभ उठाकर सरचार्ज में सौ फीसदी की छूट का लाभ उठा सकेंगे। अभी तक किसान अपने निजी नलकूप का आधा बिजली बिल दे रहा था।
इसमें कुल बिजली बिल की धनराशि में आधा भुगतान किसान दे रहा और आधा बिल सब्सिडी के तौर पर प्रदेश सरकार वहन कर रही है। किसानों को यह सुविधा जनवरी 2022 से मिल रही थी। इस साल प्रदेश सरकार ने बजट में किसानों के लिए 50 फीसदी की और छूट देने की घोषणा की थी। यानि इसके बाद छूट 100 फीसदी होने के साथ किसानों के ट्यूबवेल की बिजली अप्रैल 2023 से फ्री होनी थी। अब ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने प्रदेश के जनप्रतिनिधियों को पत्र लिखकर स्पष्ट किया है कि एक अप्रैल 2023 से किसानों के नलकूप के बिल पर संपूर्ण माफी रहेगी।
31 मार्च 2023 तक या उसके पहले की बाकी रकम पर एकमुश्त समाधान योजना लागू होगी । जिन बकाएदारों पर राजस्व वसूली के लिए आरसी कटी है, वह इस योजना में शामिल होंगे तो उनकी आरसी निरस्त कर दी जाएगी।
ऊर्जा राज्यमंत्री, डॉ. सोमेंद्र तोमर ने कहा कि किसानों को अपने ट्यूबवेल की बिजली का बिल इस वित्तीय वर्ष में नहीं देना होगा। उनके लिए बिजली फ्री रहेगी। इसके लिए ऊर्जा मंत्री की ओर से जारी किए पत्र में स्पष्ट कर दिया है। मार्च 2023 तक का बकाया अदा करने में किसान एकमुश्त समाधान योजना का लाभ उठा सकते हैं।
एक नजर में कनेक्शन और बिजली बिल
सूबे में निजी नलकूप उपभोक्ता 14 लाख 32 हजार 410
पश्चिमांचल के 14 जिलों में चार लाख 82 हजार
बिजली की दर 170 रुपये प्रति हॉर्सपावर
अब किसान दे रहा बिजली बिल 85 रुपये प्रति हॉर्सपावर
सरकार वहन कर रही थी 85 रुपये प्रति हॉर्स पावर सब्सिडी
अधिकतर किसानों के बिजली कनेक्शन पांच से 15 हॉर्सपावर तक
किसान बिल देते थे 850 रुपये से लेकर 2550 रुपये प्रति माह तक
अप्रैल 2023 से किसानों को इस वित्तीय वर्ष में कोई बिजलीबिल नहीं भरना