मेरठ 13 अगस्त (प्र)। कोतवाली थाना क्षेत्र के वैदवाड़ा इलाके में स्थित एक सरकारी प्राइमरी स्कूल में हिन्दू बच्चे को नॉनवेज खिलाए जाने की घटना को लेकर बवाल हो गया। कई हिन्दू नेताओं ने इस मामले को लेकर आस्तीन चढ़ा ली। मामला कोतवाली थाने तक पहुंचा और हिंदू नेताओं ने हंगामा शुरू कर दिया। आनन-फानन में हेड मास्टर को हिरासत में ले लिया गया। जबकि बेसिक शिक्षा अधिकारी ने हेड मास्टर को निलंबित कर दिया।
वैदवाड़ा में कक्षा पांच तक का सरकारी प्राइमरी स्कूल है। इकबाल पुत्र इस्लाम इस स्कूल में हेडमास्टर हैं। स्कूल में जितने भी बच्चे हैं, उनमें से दो बच्चों तरुण व वंश सगे भाई हैं, उन्हें छोड़कर सभी बच्चे मुस्लिम हैं। सोमवार दोपहर स्कूल में बच्चों को बांटने जाने के लिए मिड-डे मील आया था। आरोप है कि उसमें सड़ांध उठ रही थी। बच्चों ने इसकी शिकायत हेडमास्टर इकबाल से की। बताया जाता है कि इकबाल ने अपने पास से 100 रुपये बच्चों को थमा दिए और कहा कि जाकर बाजार से खाने के लिए कुछ ले आएं।
कुछ बच्चे समीप स्थित एक दुकान से नॉनवेज ले आए। वंश व अरुण को भी नॉनवेज दे दिया गया। वंश ने तो नॉनवेज खा लिया, लेकिन अरुण ने मनाकर दिया। छुट्टी होने पर बच्चे जब घर पहुंचे तो अरुण ने परिजनों को बताया कि मिड-डे मील खराब था और हेडमास्टर ने अपने पास से मंगाकर नॉनवेज बंटवाया था। वंश ने भी नॉनवेज खाया है। अरुण ने यह भी बता दिया कि उसने नॉनवेज नहीं खाया।
दिव्यांग वंश के नॉनवेज खाए जाने की जानकारी पर परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। यह बात पूरे मोहल्ले में फैल गयी। वंश के परिजन क्षेत्र के भाजपा पार्षद व हिन्दू संगठनों के कुछ नेताओं को लेकर थाना कोतवाली पहुंच गए और हंगामा शुरू कर दिया। आनन-फानन में पुलिस वाले हेडमास्टर इकबाल को स्कूल से ले लाए। पहले तो उन्होंने नॉनवेज की बात से ही इंकार कर दिया, लेकिन जब सख्ती की गई तो मान लिया कि हां सब्जी खराब थी और उन्होंने अपने पास से पैसे दिए थे। जिससे बच्चे नॉनवेज ले आए। पुलिस ने बीएसए को इसकी जानकारी दी। वहां से एक शिक्षक रामकुमार को जांच के लिए वैदवाड़ा स्कूल भेजा गया। आरोप सही पाए जाने पर बीएसए ने इकबाल को सस्पेंड कर दिया। इंस्पेक्टर कोतवाली नीरज कुमार ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। रिपोर्ट के आधार पर दोषी मानते हुए इकबाल को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर प्रावि लिसाड़ी नगर क्षेत्र मेरठ में सम्बद्ध किया है। निलम्बन की जांच के लिए प्रदीप कुमार खंड शिक्षा अधिकारी मुख्यालय को नामित किया है।