Thursday, November 13

पीएम की माताजी के बारे में अपशब्द कहना है निंदनीय, ऐसा करने वाले नेता बिना शर्त मांगे माफी

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बीती 17 अगस्त से बिहार के सासाराम से शुरू हुई वोटर अधिकार यात्रा डियाडा ग्राऊंड से शुरू होकर 23 जिलों से महागठबंधन के नेताओं की उपस्थिति में अब समाप्त हो गई है। इस मौके पर डाक बंगला चौराहे पर नेताओं ने जनसभा को संबोधित किया और अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के बाद यह समाप्त हुई। इस यात्रा में गठबंधन के राजीव गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, नवल किशोर आदि सहित तेजस्वी यादव शामिल हुए। जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने राजद नेता तेजस्वी यादव की वोट अधिकार यात्रा पर प्रहार करते हुए कहा कि यह केवल एक राजनीतिक पर्यटन और जनसंपर्क से ज्यादा कुछ नहीं रही। राहुल गांधी का बिहार की जनता से कोई जुड़ाव नहीं रहा। एक दूसरे के मामलों में टीका टिप्पणी करना नेताओं का अधिकार है। इसलिए इसके बारे में तो मैं कुछ नहीं कहना चाहता लेकिन गठबंधन की यात्रा समापन के मंच से देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की स्वर्गीय माताजी के बारे में अपशब्द कहे जाने को सही नहीं कहा जा सकता। इसके विरोध में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष दलीप राय जायसवाल उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी सहित भाजपा सांसदों व विधायकों ने विरोध मार्च निकाल रहे हैं। मेरा मानना है कि अगर किसी भी रूप में किसी भी नेता में पीएम मोदी की मां के बारे में कोई अभद्र टिप्पणी की है तो उसे मानवीय भूल मानते हुए माफी मांग लेनी चाहिए क्योंकि यह आंदोलन चला तो उसका नुकसान गठबंधन को बिहार चुनाव में ही नहीं अन्य मौकों पर भी हो सकता है। नेताओं को यह नहीं भूलना चाहिए कि देश में मातृशक्ति सम्मान की पात्र हैं। उन्हें पूजा जाता है ना कि अपशब्द कहे जाते हैं। नारी शक्ति का अपमान तो किसी भी रूप में नहीं होना चाहिए। वो भी उस परिस्थिति में जब घर में ही महिलाएं सक्रिय राजनीति में सक्रिय हैं। हर बेटे या भाई के लिए उसकी मां और बहन का स्थान हमेशा ऊंचा रहा है और रहेगा इसलिए लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा क्योंकि वो राष्ट्रीय नेता हैं और भविष्य में नारी शक्ति के वोटों के बिना उनका जो सपना और मनोरथ है वो पूरा नहीं हो सकता। कहने का मतलब सिर्फ इतना है कि पूजनीय मातृशक्ति का अपमान करने का अधिकार किसी को भी नहीं है। इसलिए इस मामले में बिना शर्त माफी मांगने में फायदा ही है।
(प्रस्तुतिः- रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)

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