मेरठ 20 जून (प्र)। सेना के जवान की एके-47 के 70 कारतूसों की गिरफ्तारी के बाद एडीजी ने जोन के सातों जनपदों में मालखाने में हथियार और कारतूसों के सत्यापन का आदेश दिया है। सीओ स्तर के अधिकारी को एक सप्ताह के भीतर थाने और पुलिस लाइन के मालखाने का सत्यापन करना होगा।
वेस्ट यूपी में लगातार कारतूसों की तस्करी के मामले सामने आ रहे हैं। अतंरराज्यीय हथियार तस्कर अनिल बंजी से लेकर शूटिंग खिलाड़ी सक्षम मलिक तक कारतूसों की तस्करी में पकड़े जा चुके हैं। एडीजी भानु भास्कर ने जोन के मेरठ, बागपत, हापुड़, बुलंदशहर, सहारनपुर मुजफ्फरनगर और शामली के पुलिस कप्तानों को असलाह और कारतूस के सत्यापन कराने के आदेश दिए हैं। देखा जा रहा है कि थाने के मालखाने और पुलिस लाइन के मालखाने से तो कारतूस गायब नहीं हो रहे। यह भी स्पष्ट कर दिया कि सीओ और एएसपी खुद सत्यापन कर रिपोर्ट भेजेंगे। बता दें कि फायरिंग रेंज से कई बार कारतूस गिनती में कम मिल चुके हैं। लालकुर्ती थाने के मालखाने से पिस्टल तक गायब हो गई थी।
थ्री नाट थ्री के कारतूस भी बिक चुके है बाजार में
2021 में दौराला पुलिस ने हथियार और कारतूसों की तस्करी के मामले में रुहासा के सदरुद्दीन के दो बेटों शवी अख्तर व रजी अख्तर को गिरफ्तार किया था। उनके कब्जे से थ्री नाट थ्री राइफल के 23 कारतूस बरामद हुए थे। आरोपितों ने बताया था कि यह कारतूस देवबंद थाने के सिपाही ने पांच हजार रुपये में बेचे थे। शवी की पुलिसकर्मियों से दोस्ती थी।
सीओ को दी गई दुकान के सत्यापन की जिम्मेदारी
शहर में असलाह की खरीद-फरोख्त करने वाले दुकानदारों का भी सत्यापन किया जाएगा। पहले भी संबंधित थाना पुलिस सत्यापन करती थी। इस बार एक दुकान के सत्यापन की जिम्मेदारी एक सीओ को दी गई है, वह हर माह सत्यापन की रिपोर्ट एसएसपी को देंगे। सीओ खुद दुकान पर पहुंचकर स्टाक और रिकार्ड चेक करेंगे।
एडीजी जोन भानु भास्कर का कहना है कि सेना के जवान की गिरफ्तारी के बाद पुलिस के असलाह और कारतूस के सत्यापन का भी आदेश जारी किया है। सर्किल के सीओ अपने-अपने थानों और पुलिस लाइन के मालखाने में रखे असलाह व कारतूस का सत्यापन कर इसकी रिपोर्ट एक सप्ताह में पेश करेंगे।