मेरठ, 08 मई (प्र)। प्रदेश में पहली बार सैटेलाइट के माध्यम से अवैध निर्माणों पर निगरानी करने की पहल मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) ने की है। उप्र इलेक्ट्रानिक्स कारपोरेशन लिमिटेड की ओर से नामित एजेंसी ने निगरानी रखने और सैटेलाइट से चित्र लेने का कार्य शुरू कर दिया है। इस निगरानी कार्य को मेडा ने भूनेत्र नाम दिया है। मेरठ विकास प्राधिकरण का क्षेत्रफल पहले से दोगुना हो गया है जिसमें हस्तिनापुर, सरधना, मवाना, लावड़, बहसूमा आदि शामिल हो गए हैं।
मेडा के पास स्टाफ कम है और क्षेत्र बढ़ गया है। वहीं जो कर्मचारी क्षेत्र में तैनात होते हैं उन पर भी मिलीभगत से अवैध निर्माण कराने का आरोप लगता रहता है। ऐसे में इसका समाधान निकाला गया है सैटेलाइट से निगरानी। इससे हर महीने सभी जोन व उपजोन के निर्माणों की समीक्षा होगी। सैटेलाइट से हर 15 दिन पर चित्र मेडा को प्राप्त होंगे। वहीं कर्मचारी भी क्षेत्र में भ्रमण करके भौतिक रिपोर्ट देंगे। इससे स्पष्ट तुलना हो जाएगी और जवाबदेही तय हो जाएगी। मेडा के उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय ने कहा कि सुदूर क्षेत्र में इससे निगरानी रखनी आसान हो जाएगी। अवैध निर्माण पकड़ में आएगा। यह प्रदेश का पहला प्रयास है।
ऐसे कार्य करेगा भूनेत्र
मेरठ महायोजना 2031 में प्राधिकरण का जितना भी क्षेत्रफल है उसे डिजिटल किया गया है। प्रत्येक खसरे को जीपीएस तथा अक्षांश व देशांतर से जोड़ा गया है। किस खसरे का क्या भूउपयोग है वह भी उसमें दर्ज है। इससे सैटेलाइट से चित्र लेते समय वर्तमान स्थिति की रिपोर्ट तैयार होगी फिर हर 15 दिन पर भी उसके चित्र आते रहेंगे। इससे प्रत्येक 15 दिन पर तुलना होती रहेगी। यह सैटेलाइट फेंसिंग और इमेज मैपिंग के तहत कार्य करेगा। जब किसी प्लाट या संबंधित जमीन का चित्र सैटेलाइट से लिया जाएगा तब उसकी वर्तमान स्थिति के अनुसार चित्र पर ही तारबंदी कर देगा। इससे जैसे ही उस तारबंदी को हटाकर कोई बदलाव होगा अगले चित्र में पता चल जाएगा।