मेरठ 09 नवंबर (प्र)। यातायात पुलिस ने अवैध और अपंजीकृत ई-रिक्शा के खिलाफ अभियान शुरू कर दिया है। पहले दिन अभियान के दौरान 57 ई-रिक्शाएं सीज किए गए हैं। यह अभियान अब चलता रहेगा। हाईकोर्ट में केस, आईजी नचिकेता झा की फटकार और शहर के लोगों की रोजमर्रा की जाम की मुसीबत इन तमाम बातों के चलते ट्रैफिक पुलिस शुक्रवार के अवैध ई-रिक्शाओं के खिलाफ पूरे रंग में नजर आयी। उसने शहर में अभियान शुरू किया। पहले दिन हापुड़ अड्डे से भूमिया पुल के मार्ग को लिया गया और यहां धरपकड़ शुरू की गयी। यह धरपकड़ उन ई-रिक्शों पर शुरू की गयी है जो अपंजीकृत हैं या स्टीकर नहीं लगवाया है।
महानगर में इस वक्त करीब 60 हजार ई-रिक्शा सड़कों पर हैं। इनमें से ज्यादातर का रजिस्ट्रेशन तक नहीं है। यातायात पुलिस ने उन ई-रिक्शों पर स्टीकर नहीं लगाया जो अवैध हैं या फिर जिनके कागजात पूरे नहीं हैं। टैफिक पुलिस जानकारी की बात करें तो महज 3426 ई-रिक्शाएं ऐसी हैं जिन पर स्टीकर लगाए गए हैं तथा जिनको यह रूट आवंटन किया गया है। दरसअल, महानगर को जाम की मुसीबत से निकालने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने महानगर के चार जोन में बांट दिया है।
तय किया गया है कि केवल आवंटित जोन में ही ई-रिक्शाओं को सख्ती से संचालन कराया जाएगा। वहीं, इस संबंध में एसपी ट्रैफिक राघवेन्द्र मिश्रा का कहना है कि बगैर स्टीकर लगी व अपंजीकृत ई-रिक्शाओं के खिलाफ अभियान छेड़ दिया गया है। उधर, अवैध ई रिक्शाओं के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करने वाले मनोज चौधरी ने बताया कि वह रिजॉइंटर दायर करेंगे। संभवत 15 नवंबर को अगली सुनवाई होगी।
हाईकोर्ट में मेरठ की अवैध ई-रिक्शाओं को लेकर रिट दायर की गयी है। इसको लेकर जनहित याचिका पर सुनवाई जारी है। यह सुनवाई भी चीफ जस्टिस की कोर्ट में चल रही है। कोर्ट ने मेरठी अफसरों से अवैध ई-रिक्शाओं की वजह से लगाने वाले जाम की मुसीबत से शहर को लोगों के निजात दिलाने के लिए रिपोर्ट तलब की है, लेकिन अब लग रहा है कि शीघ्र ही शहर जाम मुक्त होगा।