Saturday, July 12

दुकानदारों को मिल गई फौरी तौर पर राहत, सेंट्रल मार्केट में दंडात्मक कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट की रोक, आवास-विकास परिषद से तीन हफ्ते में जवाब मांगा

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नई दिल्ली/मेरठ, 18 मार्च (प्र)। मेरठ के शास्त्रीनगर स्थित सेंट्रल मार्केट में आवासीय भूखंड पर अवैध तरीके से बनाए गए दुकान मालिकों को सुप्रीम कोर्ट से गत सोमवार को राहत मिल गई। शीर्ष अदालत ने अपने अंतरिम आदेश में उन दुकान मालिकों के खिलाफ फिलहाल किसी तरह की दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया है, जिन्होंने दुकानें खाली नहीं की है। शीर्ष अदालत ने 17 दिसंबर को अवैध रूप ने निर्मित दुकानों को गिराने का आदेश देने के साथ ही दुकान मालिकों को जगह खाली करने के लिए 17 मार्च तक का वक्त दिया था।

जस्टिस जेबी पारदीवाला और आर. माधवन की पीठ ने इसके साथ ही मामले में उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद एवं अन्य संबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। पीठ ने यह अंतरिम आदेश राजेंद्र कुमार बड़जात्या एवं अन्य की ओर से अधिवक्ता हिमांशु त्यागी द्वारा दाखिल अर्जी पर दिया है, जिसमें दुकान खाली करने के लिए समय देने की मांग की गई। पीठ ने इस मामले में नोटिस जारी करते हुए कहा है कि ‘चूंकि हम इस बात पर विचार कर रहे हैं कि दुकानदारों को दुकान खाली करने के लिए और अधिक समय दिया जाए या नहीं, इसलिए अगले आदेश तक मामले में कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाए। साथ ही पीठ ने आवास विकास परिषद को यह बताने के लिए कहा है कि दुकानदारों को दुकान खाली करने के लिए और समय दिया जाए या नहीं।

पीठ ने जवाब देने के लिए आवास विकास परिषद को तीन सप्ताह का वक्त दिया है। इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने 17 दिसंबर को उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद को सेंट्रल मार्केट में आवासीय भूखंड पर अवैध तरीके से बनाए गए दुकानों को तोड़ने का आदेश दिया था।

शीर्ष अदालत ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 2014 के फैसले को चुनौती देने वाली अपीलों को खारिज करते हुए यह निर्णय दिया था। हालांकि शीर्ष अदालत ने प्रभावित दुकानदारों को दुकान खाली करने के लिए तीन माह का समय दिया है और आवास विकास परिषद से इसके बाद अवैध निर्माण को गिराने का आदेश दिया है।

मुख्यमंत्री योगी से मिलेंगे व्यापार संघ के पदाधिकारी
संयुक्त व्यापार संघ अध्यक्ष नवीन गुप्ता और महामंत्री संजय जैन ने संयुक्त रूप से बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल मार्केट मामले में सुनवाई करते हुए आवास विकास को तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्णय देते हुए सुनवाई की तीन सप्ताह बाद की तिथि सुनिश्चित कर व्यापारियों को राहत दी है।
उन्होंने कहा कि शीघ्र ही संयुक्त व्यापार संघ के दोनों गुटों के पदाधिकारी राज्यसभा सांसद डॉ लक्ष्मीकांत वाजपेयी से मिलकर उनका सहयोग लेकर मुख्यमंत्री योगी से मिलकर आवास विकास परिषद द्वारा निर्मित कॉलोनियों के भूउपयोग को परिवर्तन कर मिश्रित भू-उपयोग करने की मांग करेंगे।

गलत निर्माण को प्रोत्साहित नहीं किया जा सकता
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि ‘सभी तथ्यों पर विचार के बाद हमारा मानना है कि स्थानीय प्राधिकरण द्वारा अनुमोदित भवन योजना का उल्लंघन या उसमें छेड़छाड़ करके किए गए निर्माण को प्रोत्साहित नहीं किया जा सकता। पीठ ने कहा कि सभी निर्माण को नियमों का ईमानदारी से पालन करते हुए और उनका सख्ती से पालन करते हुए बनाया जाना चाहिए।’

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