मेरठ 09 मई (प्र)। बढ़ते वायु प्रदूषण से निपटने और जन-जन को जागरूक करने के लिए मेरठ फोरम फार क्लीन एयर का गठन हुआ है। यह फोरम प्रथम चरण में तीन महीने के भीतर 30 हजार लोगों को वायु मित्र बनाएगा, जो ट्रैफिक पालक साफ हवा संरक्षक और समाज प्रेरक की भूमिका में होंगे। बुधवार को आइएमए हाल में मेरठ फोरम के पदाधिकारियों व सदस्यों ने ‘मैं हूं वायु मित्र’ स्टीकर लांच किया। ये स्टीकर चार पहिया व दोपहिया वाहनों में चस्पा किए जाएंगे।
आइएमए अध्यक्ष डा. संदीप जैन को मेरठ फोरम के चेयरमैन, मिशिका सोसाइटी के अमित नागर को को चेयरमैन और डा. सुमित उपाध्याय को प्रोजेक्ट लीडर बनाया गया है। मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. आरसी गुप्ता, वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डा. राजीव अग्रवाल, डा. पीके बंसल और एसपी ट्रैफिक राघवेंद्र मिश्रा मेंटर की भूमिका में रहेंगे। आइएमए सभागार में हुई फोरम की पहली बैठक में लंग केयर फाउंडेशन के संस्थापक ट्रस्टी राजीव खुराना ने वायु प्रदूषण से बढ़ते खतरे को सामने रखा और इससे निपटने के लिए किए जाने वाले प्रयासों पर चर्चा की।
डा. राजीव अग्रवाल ने कहा कि वायु प्रदूषण बड़ी समस्या है। इससे दिल, फेफड़े समेत अन्य बीमारियां बढ़ रही हैं। वायु प्रदूषण के बहुत सारे कारक हैं। शहर में कूड़ा जलाया जाता है। कूड़े में आग लगाने वालों को यह बात समझने की जरूरत है कि इससे गंभीर बीमारी फैल रही हैं। कूड़ा सड़क, नाले में फेंकने से गंदगी तो दिख जाती है, लेकिन उसकी वजह से फैलने वाली गंभीर बीमारी नहीं दिखती है। इसलिए कूड़ा जलाने वाले और कूड़े को सड़क नाले में फेंकने वाले को जागरूक करने की जरूरत है। यह बदलाव बिना जनभागीदारी के नहीं आएगा। इसलिए वायु मित्र बनकर लोग यह जिम्मेदारी स्वयं लें।
बैठक में चिकित्सक, शिक्षाविद, सामाजिक संगठन और यातायात पुलिस के लोग मौजूद रहे।
फोरम ने लिए ये निर्णय
छात्रों, बच्चों और शिक्षकों को शामिल कर परियोजना शुरू की जाएगी।
स्कूलों में वायु मित्र स्टीकर वितरित किए जाएंगे।
स्कूल बस ड्राइवरों को समझाया जाएगा कि खड़ी बस को चालू न रखें। उन्हें ड्राइविंग नियमों की जानकारी दी जाएगी।
मेरठ फोरम की जूम मीटिंग होगी, जिसमें नियमित रूप से वायु प्रदूषण की रोकथाम को लेकर चर्चा करेगी।
कूड़ा प्रबंधन, गीला- सूखा कूड़ा अलग-अलग करने, होम कंपोस्टिंग के लिए लोगों को जागरूक किया जाएगा।
स्कूल-कालेजों में होगा अस्थमा पर अध्ययन
मेरठ फोरम फार क्लीन एयर के चेयरमैन डा. संदीप जैन ने कहा कि वायु प्रदूषण से अस्थमा के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। फोरम की ओर से एक चिकित्सीय दल गठित किया जाएगा, जो स्कूल-कालेजों में अस्थमा व सांस संबंधी बीमारी से पीड़ित बच्चों को खोजेगा। उनसे बीमार पड़ने के कारण पूछे जाएंगे। साथ ही वायु प्रदूषण से होने वाली अन्य बीमारियों पर भी अध्ययन किया जाएगा।