मेरठ 02 जुलाई (प्र)। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय (सीसीएसयू) से संबद्ध अल्पसंख्यक बीएड कालेजों में प्रवेश को लेकर बड़ा खेल सामने आया है। इन कालेजों ने निर्धारित सीटों पर फर्जी नामों का पंजीकरण कर प्रवेश दर्ज करने के बाद पूरे वर्ष मोटी रकम लेकर सीटें बेचीं। विश्वविद्यालय कर्मचारियों की मिलीभगत से जिन लोगों को सीटें दी गईं, उन्हें ही बीएड की परीक्षाएं दिला दी गईं। परीक्षा के बाद जब अभ्यर्थियों ने रिजल्ट मांगा तो कालेज मुकरने लगे और विश्वविद्यालय आनाकानी करने लगा। कालेज से लेकर विश्वविद्यालय तक राहत न मिलने पर सत्र 2022-24 के 22 अभ्यर्थियों ने उच्च न्यायालय में रिट दायर की। न्यायालय ने जब विश्वविद्यालय से अभ्यर्थियों को परीक्षा में शामिल होने का आधार पूछा तब इस खेल से पर्दा उठना शुरू हुआ ।
विश्वविद्यालय को गलती समझ में आई तो पांच लोगों के खिलाफ नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। यह नोटिस बीएड सेल प्रभारी, डिप्टी रजिस्ट्रार एग्जाम, डिप्टी रजिस्ट्रार गोपनीय, रिजल्ट प्रभारी और कंप्यूटर सेल प्रभारी के खिलाफ जारी हुए हैं। विश्वविद्यालय से संबद्ध अल्पसंख्यक बीएड कालेजों में प्रवेश के लिए प्रथम वर्ष में पंजीकरण अनिवार्य है। प्रवेश के लिए खुले पंजीकरण के दौरान इन कालेजों को विद्यार्थी नहीं मिलने पर कालेजों ने फर्जी नामों या दूसरे नामों से पंजीकरण प्रक्रिया पूरी कर सीटें भर ली। इसके बाद उन्हीं सीटों पर प्रवेश अन्य अभ्यर्थियों का ले लिया। अब परीक्षा में वह लोग शामिल हुए जिनके पंजीकरण हुए ही नहीं थे। दोनों वर्षों की परीक्षा देने के बाद विश्वविद्यालय ने इनके रिजल्ट रोक दिए । रिजल्ट रोकने का आधार यह है कि जिन लोगों ने परीक्षा दी उनके नाम और पंजीकरण सूची में शामिल लोगों के नाम मेल नहीं खा रहे हैं। परीक्षा में बैठने की अनुमति देने के पहले परीक्षा विभाग के अंतर्गत बीएड सेल की ओर से पंजीकरण और परीक्षा फार्म का सत्यापन होता है। विसंगति मिलने पर अभ्यर्थियों को परीक्षा में बैठने से रोका जाना चाहिए था। जो इन मामलों में या तो हुआ नहीं, या फिर जानबूझकर नजरअंदाज किया गया। बिना पंजीकृत छात्रों के परीक्षा में बैठाने पर विश्वविद्यालय खुद कठघरे में खड़ा है।
परीक्षा समिति में हुआ गहन मंथन
उच्च न्यायालय से इन अभ्यर्थियों को बिना पंजीकरण परीक्षा दिलाने का आधार पूछे जाने पर विश्वविद्यालय सकते में हैं। उच्च न्यायालय में भले ही अब तक केवल 22 अभ्यर्थी गए हैं, लेकिन ऐसे अभ्यर्थियों की संख्या डेढ़ से दो हजार तक है। सीसीएसयू के अंतर्गत करीब 30 अप्लसंख्यक बीएड कालेज हैं जिनमें 100 या 200 तक सीटें हैं। ऐसा किसी एक सत्र के अभ्यर्थियों के साथ नहीं बल्कि अलग-अलग सत्र में भी हुआ है। पिछले सप्ताह हुई परीक्षा समिति की बैठक में उच्च न्यायालय को जवाब देने और अभ्यर्थियों के परिणाम जारी करने को लेकर गहन गहमा-गहमी के बीच सैद्धांतिक रूप से परिणाम जारी करने पर मौखिक सहमति भी बनी है। परीक्षा नियंत्रक वीरेंद्र कुमार मौर्य ने इस मामले की पूरी जानकारी न होने की बात कहते हुए आंतरिक नोटिस जारी कर मामले की जांच चलने की पुष्टि की।